मंगलवार, 28 नवंबर 2017

प्रधानमंत्री आवास योजना की धीमी चाल मोदी जी नाराज ! जितेश सिंह

प्रधानमंत्री आवास योजना से पीएम मोदी नाराज चल रहे हैं.अधिकारियों की गैर-जिम्मेदाराना रवैया को देखते हुए.


पिछले शनिवार को पीएम के मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े संबंधित अधिकारी उपस्थित हुए. आवास योजना की धीमी चाल के कारण अधिकारियों को फटकार लगाई गई. उन्हें जल्द ही संबंधित सभी दस्तावेज को पीएमओ में जमा करने की हिदायत दी गई. बैठक में आगे की रणनीति भी तय की गई. आवास योजना के अंतर्गत 2017 से 2019 तक 51 लाख से अधिक आवास बनाने की बात कही जा रही है. इसके अंतर्गत 2017 से 2018 में 30 लाख 76 हजार आवास के लिए मंजूरी दे दी गई .सरकार का लक्ष्य 2022 तक 1 करोड़ 50 लाख  से भी अधिक आवास की बनवाने की.
जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया गया था. इसका उद्देश्य 2022 तक सभी को पक्के की घर की व्यवस्था हो. पिछले 2 साल योजनाओं की समीक्षा की जाए. तो अब तक 4 लाख 13 हजार आवास बन चुकी है,जबकि 15 लाख 65 हजार आवास विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन है.
यह आंकड़ा 2011 की जनगणना के अनुसार बनाई गई है. 2011 से अब तक जनसंख्या वृद्धि में हुई. इसके बारे में जब प्रश्न पूछें गए तो, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारी ने कहा वर्तमान आंकड़े के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना की बजट तैयार की गई. आवश्यकता पड़ने पर इस में परिवर्तन किये जाएंगे. संबंधित अधिकारी को क्षेत्रों में सतत् नजर रखने की बात कही गई. योजना में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने की सलाह दी गई है उन्होंने कहा कि, 2022 तक हम  योजना को साकार कर लेंगे.
                                  जितेश सिंह

सोमवार, 27 नवंबर 2017

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालजी सिंह बड़े भाई को पत्र. जितेश राजपूत

                                                       भोपाल (म. प्र.)                                                         तिथि-26 नवम्बर                                                                 2017.                                          

आदरणीय लालजी सिंह बड़े भाई
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखंड राष्ट्रवादी पार्टी

आपके कुशल मंगल कामना के साथ| अखंड राष्ट्रवादी पार्टी का प्रचार प्रसार अग्रसर हो| ऐसी इच्छा मेरी हमेशा रही है| देखा जाए तो शायद! हम इस मामले में बहुत पीछे छूट चुके थे| राष्ट्ररक्षा,राष्ट्रगौरव से जिस वंश का सूर्योदय होता था| आज स्वयं अपने कृत्य को धुलित करने में लगा है| हमें स्वयं को संयोजना हैं, राष्ट्र के लिए|              
पार्टी का प्रचार-प्रसार लोकभावना के आधार पर हो| वास्तविकता तो यह है कि, हमने अपने संगठन की ओर ध्यान ही नहीं दिया| आज देश के सभी पंथ- जाति के राजनीतिक पार्टियां कई दशकों से चली आ रही है| हमारे लोग उनके तलवे चाट रहे| अब ऐसा नहीं हो? आपके आत्मचिंतन और कुशलता ने, हमें पुनः राष्ट्रीय मंच से जुड़ने का प्रयास किया है| अभिनंदन! स्मरणीय कार्य है| आपसे मिलने के इच्छा के साथ नमस्कार!
           
जितेश राजपूत
मुलत: मुजफ्फरपुर,बिहार
8340582571,8292919977

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