शनिवार, 30 सितंबर 2017

और अंत मे सत्य ही जीता। !

और अंत मे सत्य ही जीता।
          *****

और अंत में सत्य ही जीता
झूठ की हुई हार
क्रोध पर आनंद जीता
अहंकार पर विनम्रता का प्रहार।

ईर्ष्या पर स्नेह की विजय
घृणा पर प्रेम की जीत
आलस्य से स्फूर्ति आगे
वैमनस्यता से ऊपर है प्रीत।

अंधकार कुछ और नही
प्रकाश का अभाव है,
हठ करके सत्य को नकारना
यही राम-रावण का युद्ध है
और यही विजयदशमी का
सत्य सनातन त्योहार है।

इन्ही सत्य शुभकामनाओं के साथ विजय पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।

        - गणिनाथ सहनी, (मुजफ्फरपुर , बिहार)

शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

त्योहारों का इतिहास ! जितेश सिंह

दिपावली - दापावली मनाई जाती है क्योंकि उस दिन राम जी 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे ।      

 होली - भक्त पहलाद होलिका की अग्नि से बच गए थे और उन्हें भगवान नया जीवन दिया ।

दुर्गा पूजा - दुर्गा पूजा मनाई जाती है क्योंकि उस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था ।

मुस्लिमों के किसी भी पर्व के पीछे की कोई कहानी या कारण जानते हो । नहीं ना ! 
क्योंकि मुस्लिम खुद भी नहीं जानते । 
आइए हम कुछ पर्वों के पीछे की कहानी जाने ।

शबे बरात- शाबे बारात मनाया जाता है क्योंकि उस दिन मोहम्मद ने अपनी 6 साल की बेटी से निकाह किया था ।

रोजा -  रोजा रखा जाता है क्योंकि मोहम्मद अपनी बेटी उर्फ पत्नी आयशा को सुहागरात के लिए राजी ना होने के कारण दंड स्वरुप उसे सिर्फ एक समय का खाना देता था । इसलिए मुस्लिम आयशा के समर्थन या साथ देने हेतु रोजा रखते हैं ।

ईद  ईद मनाई जाती है क्योंकि उस दिन 1 महीने में भूख और प्यास से बेहात आयशा आखिर अपनी पिता उर्फ पति मोहम्मद की बात मानकर सुहागरात के लिए तैयार हो गई  ।यह घटना दुज को हुई थी इसलिए मुस्लिम इसे दूज का चांद देखना अर्थात चांद का मतलब यहां आयशा से है क्योंकि आयशा बेहद खूबसूरत थी और मासूम ! बिल्कुल चांद की तरह.....
                                                   जितेश सिंह

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

सत्य सहज प्रकृति

झूठ की खेती में
बीज, हल व शरीर का बल नही लगता
और काटने समय तक
उसमें कोई फल नही लगता।


सूर्य सत्य है, नित्य है निकलता
पर चमगादड़ व उल्लू
अंधकार में है पलता
दिन के प्रकाश में,
वो कभी नही निकलता।


बिजली की चमक टिका नही करती
चंदा की दमक फिकी नही पड़ती
सत्य अपने मुक़ाम पर अड़ा रहता है,
परिणाम जो हो वह अविचल खड़ा रहता है।

        

सर झुका रहे दरबार में !

सर झुका रहे दरबार में !
            *****

पूजता जिन्हे जहाँ सारा
छप्पन भोग की थाली से
मैं उन्हे पूज रहा केवल
अड़हुल फूल की डाली से।

यह मेरा अहं भाव नही
मेरा अकिंचनपन ही है,
और कुछ भी पास नही
अपना तो समर्पित तन-मन ही है।

तन भक्ति का साधन है,
मन में श्रद्धा उपजती है,
तन-मन दोनो के समावेश से
हृदय की प्रतिमा सजती है।

सर झुका रहे हमेशा
माँ के चरणों मे, दरबार में
श्रद्धा की चुनरी, भक्ति का पुष्प
अर्पित करता रहूँ हरबार मैं।

      

बुधवार, 27 सितंबर 2017

भगत सिंह जैसे वीरों ने, जब जीवन का बलिदान दिया : जितेश सिंह


पंजाब में शेरों के घर ,
एक शेर ने पैदा लिया ।

3 वर्ष की आयु में जो ,
बंदूक की खेती करता था
अस्त्र-शस्त्र बम बनाने के  ।
विधाओं से जो से परिचित था ।

असेंबली में बम फेंक कर जिसने
इंकलाब का नारा दिया ।
भागने के बजाए गिरफ्तार होकर
जिसने जन सैलाब का नारा दिया

52 दिन भूख हड़ताल कर
जिसने अंग्रेजो के होश उड़ा डाले
फांसी के फंदे को जिसने
चूमकर स्वीकार किया

रंग दे बसंती चोला कि
जिसने आजीवन गुणगान किया ।

अहिंसा से आजादी नहीं मिली ।

जब भगत सिंह जैसे वीरों ने ,
जीवन का बलिदान दिया ।

मां भारती के भी धन्य हो गई
इस वीर पुत्र को जन्म देकर

आइए हम सभी भी
हृदय से उनका नमन करें ।।

भगत सिंह के जन्म दिवस पर उनको सत-सत नमन !
                             जितेश सिंह

फिर रावण मारा जाएगा। - गणिनाथ सहनी

फिर रावण मारा जाएगा।
           *****

फिर इस दशहरा में
रावण मारा जाएगा।
मंदोदरी विलाप करेगी
राज विभीषण पाएगा।

सीता कैद से मुक्त होएगी
श्री राम-लखन मुस्काएंगे।
महावीरजी जय श्री राम का
नारा खूब लगाएंगे।

सभी अयोध्या लौट आएंगे
श्री राम राजा बन जाएंगे।
हरि अनंत हरि कथा अनंता
संत-मुनिश्वर गाएंगे।

पर राज सभा में कोई पूछेगा -
प्रभु ! क्या सचमुच रावण को मारे थे ?
या नींद में सुलाकर
उसके वंश को तारे थे।

इस पर प्रभु कुछ पल मौन रहेंगे
सभा में सन्नाटा छा जाएगा।
प्रभु के चेहरे पर मंद मुस्कान खिलेगी
पर लक्ष्मण को क्रोध आ जाएगा।

फिर अनुज को शांत कराकर प्रभु
एक राज की बात बताएंगे।
ऐसे गूढ़ प्रश्न का उत्तर
देने में कुछ सकुचाएंगे।

पुनः कहेंगे सुनो सभी
सचमुच रावण मरा नही है,
वह अचेत है, पड़ा रहेगा
जब-जब धर्म की हानि होगी
वह सचेत हो खड़ा रहेगा।

कहा प्रश्न पूछने वाला -
समझ गया प्रभु आपकी लीला।
सत्य-धर्म हृदय को जो धेरेगा
वह सभी काल में निर्भय हो पाएगा।
वह सदा आनंदित होगा
जो श्री राम को
हृदय के सिंहासन पर बिठाएगा।

       जय श्री राम।


मंगलवार, 26 सितंबर 2017

भारत फिर गुलाम नहीं होगा ! (जितेश सिंह)


यह शंखनाद है , भारत के पुनरुत्थान का ।।

तलवार, बंदूक हमारा क्या उखाड़ लेगी ?
जब तुम्हारी तोप चलते हो तो,
हम अपनी कलम उठाते है । ।
अरे ! आज भी हम बीच सड़क पर ।
'भारत माता की जयकार' और,
 वंदे मातरम'  का नारा लगाते हैं । ।
हौंसले इतने बुलंद है हमारे ।
अभी तो हमने कलम ही पकड़ी
और क्रांति की आंधी बहाने लगी ।  ।
वह दिन दूर नही जब ।
पूरा भारत भगवामय हो जाएगा ।।

देश के गद्दार बेमौत मारे जाएंगे ।
उन्हें समग्र विश्व में कहीं नहीं शरण  मिलेगा । ।
अभी तो हमने कलम उठाई है ।
भारत की लड़ाई अभी बाकी है !
कश्मीर का इंतकाम अभी बाकी है !
केरल की लड़ाई अभी बाकी है !
बंगाल की लड़ाई अभी बाकी है !
बाकी है ! तमाम देशद्रोहियों से बदला लेना ।  
ओवैसी से राष्ट्रगान गवाना अभी बाकी है !
तमाम मौलवियों से भारत मां की जयकार लगवाना अभी बाकी है !
गौ माता के हत्यारों को सजा देना अभी बाकी है । ।

अभी तो हमने उठाई है कलम ।
तलवार उठाना अभी बाकी है ।।
जिस दिन हम संकल्पित हो गए ।
लाखों अर्जुन खड़े हो जाएंगे । ।
पूरा भारत कुरुक्षेत्र बन जाएगा ,
देशद्रोहियों का विध्वंस, विनाश इस कदर होगा ।
1000 सालों तक देशद्रोही पैदा नहीं लेंगे ।
भारत फिर कभी गुलाम नहीं  होगा । ।

                                                 जितेश सिंह

काले अंग्रेजों से आज भी घिरा भारत ! (जितेश सिंह)

हम बार-बार गुलाम क्यों हुए । जब भी हमें मुक्ति मिली , आजादी मिली । हमने गुलामी के वह सब दुखों को भूल कर ।भारत को आजाद मान लिया । लेकिन कभी विचार नहीं किया ।  यह क्या यह वास्तविक आजादी है ? क्या सचमुच हमें आजादी मिल गई है ? कभी इस ओर हमने ध्यान ही आकृष्ट नहीं किया । आजादी में जो वीर पुरुषों ने अपना बलिदान दिया । आजाद भारत की सरकार ने उसे क्रांतिकारी नहीं आतंकवादी कहा ।  ऐसा क्यों कहा गया ? कभी हमने इस पर विचार तक नहीं किया । वीर सावरकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद , बटुकेश्वर दत्त, सुभाष चन्द्र बोस  को क्रांतिकारी नहीं माना गया।  इस बारे में  हमने कभी नहीं विचार किया । हमें तो सिर्फ आजादी चाहिए और आजादी का खूब मजा उड़ाया । लेकिन अब तक क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हुए ? इस विषय में कभी चर्चा नहीं की । अगर आजाद हुए और वर्तमान सत्ता भारतीय महापुरुषों के हाथ में गई । तो फिर यह भ्रष्टाचार, गरीबी,संप्रदायिकता, आतंकवाद क्यों ? वर्तमान सरकार ने क्यू ? भारतीय क्रांतिकारियों को अंग्रेजों की तरह आतंकवादी मानती रही ।
कांग्रेस सरकार के 60 साल के सत्ता को देखा जाए । तो अंग्रेजों से भी ज्यादा इन्होंने भारतवर्ष में घोटाले और भ्रष्टाचार किये है । क्या ये भारत के मूलनिवासी हो सकते हैं ? क्या यह भारतीय हो सकते हैं ?  क्या इन्हें भारत से प्रेम हो सकता है ? क्या इनमें भारतीयता की झलक दिखती है ? कभी नहीं ।
महान अर्थशास्त्री  ' चाणक्य ' के विचारधारा का मनन करें तो, चाणक्य ने कहा था । विदेशी महिला के द्वारा उत्पन्न संतान कभी देश का भला नहीं कर सकती है । हम चाणक्य को महान तो मानते हैं । चाणक्य की विचारधारा को भी महान मानते हैं । पर चाणक्य के इस बात पर विचार क्यों नहीं करते ? हमें क्या मतलब इससे ? इस देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं हैं । जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मानते है । कौन सा राष्ट्रपिता ? कैसा राष्ट्रपिता ?राष्ट्रपिता का क्या मतलब होता है ? क्या इस पर हमने कभी विचार किया ?  नहीं ! मुझे क्या पड़ी है । क्या भारत को महात्मा गांधी ने बनाया ? नहीं ! क्या भारत की स्थापना 1947 में हुई ? नहीं ! भारत का इतिहास 5000 वर्ष से भी पुराना है । अरे !  देश ने 'महाराज भरत' को भी राष्ट्रपिता नहीं कहा । जिनके नाम पर आर्यावर्त को भारत कहा गया है । फिर गांधी को क्यू कहे राष्ट्रपिता ? भारत की आज़ादी में बलिदान हुए है, नहीं ! जब सभी क्रांतिकारी वीर सपूत है । तो फिर  कैसे गांधी राष्ट्रपिता ? जिस दिन इन सब सवालों का जवाब मिल जाएगा । फिर भारत कभी गुलाम न होगा । सदियों तक कोई देशद्रोही इस मिट्टी से पैदा नहीं लेंगे ।
कहते हैं - काले अंग्रेजों से आज भी यह देश घिरा हुआ है  । क्योंकि सावरकर जैसे सूर्य को इस देश ने कभी जाना है ।
                            स्वयं विचार करें
  •                                                             जितेश सिंह

सोमवार, 25 सितंबर 2017

पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं यूरोपिय दार्शनिकों के बीच मतभेद


पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी उत्सव में उपस्थित । मुख्य वक्ता रामेश्वर मिश्र 'पंकज' ने अपने उद्बोधन में कहा ।पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिस समय जन्म लिए । उस समय समग्र विश्व दो विचारधाराओं में बटा हुआ था । पूंजीवाद और साम्यवाद । उन्होंने कार्ल मार्क्स की विचारधाराओं का भी खंडन किया । माक्स अपनी पुस्तक में लिखते थे । आज तक जो संघर्ष हुआ है । वो पूंजीपतियों और सर्वहारा के बीच हुआ ।  जबकि पूरे विश्व के इतिहास में कोई ऐसी घटना नहीं है ।   जो इसकी सत्यता को प्रमाणित कर सके । आज तक कोई भी ऐसी घटना पूंजीपतियों और सर्वहारा वर्ग के बीच नहीं हुई  ।
उन्होंने कहा कम्युनिस्ट हर चीज को धन से तौलते हैं ।
१९ वीं शताब्दी से पहले यूरोप शब्द का कोई नाम तक नहीं जानता था । यूरोप शब्द का शाब्दिक अर्थ समुद्र की ओर धसी हुई वस्तु है। जिसका कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध शब्दों का खंडन किया । इसे  महायुद्ध कहा, जो कुछ आर्थिक संपन्न देशों के बीच सुपर पावर बनने के लिए हुई थी । प्रथम महायुद्ध में १५ लाख भारतीय सैनिक सामिल हुए। महात्मा गांधी ने भारत के लोगों से अंग्रेज के पक्ष में रहकर युद्ध करने को तैयार किया। प्रथम और द्वितीय महायुद्ध में । इंग्लैंड के प्रत्येक घर से एक युवक मारा गया । वह अपने वीरता के कारण नहीं बल्कि युद्ध में  कुशल ना होने कारण और अपनी मूर्खता के कारण । अगर गांधी अंग्रेजो के पक्ष में खड़ा नहीं होते तो । भारत १९१४  ही आजाद हो जाता । महायुद्ध में भी गांधी , जवाहरलाल नेहरू और अन्य कांग्रेस के नेता अंग्रेजों के पक्ष में थे । परंतु नेताजी ने के द्वारा गठित आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया । जिससे विवश होकर अंग्रेजों को हमें आजादी देनी पड़ी ।
गांधी और दीनदयाल जी कई विषयों में एक दूसरे से जुड़े हुए थे । वो दोनो संस्कृति में विश्वास रखते थे। गांधी युद्ध में विश्वास नहीं रखते पर दीनदयाल जी धर्म युद्ध को आवश्यक मानते थे। गांधी हिन्दू से कहते फिरते थे अहिंसा मत करो, मुस्लिमो को मारने दो, तुम मत मारो । मारते मारते उसका हृदय परिवर्तन हो जाएगा । पर यही बात गांधी मुस्लिमों से नहीं कहते कि तुम ऐसा मत करो ।
दक्षिण के सभी चिंतक दार्शनिक का मत समग्र व्यक्तित्व विकास है , के प्रति आर्थिक था । उनका मानना था ।  इस समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए व्यक्ति को संपन्न होना पड़ेगा । परंतु इसके ठीक विपरीत दीनदयाल जी ने समग्र व्यक्तित्व विकास को परिभाषित करते हुए कहा । किसी व्यक्ति के अंदर समग्र व्यक्तित्व विकास तभी कहा जाएगा । जब उसके जीवन कार्य से समाज और राष्ट्र का लाभ हो । वह अपने जीवन के कार्य को राष्ट्र और समाज को समर्पित कर दें । उनका कहना था जो व्यक्ति राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित होते हैं । उन्हें स्वयं भी लाभ होता है ।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मदिवस शताब्दी का आयोजन । अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय एवं भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया था । यह कार्यक्रम भोज मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में रखा गया ।  जिसके बतौर मुख्य वक्ता के रुप में रामेश्वर मिश्रा ने एकात्म मानववाद एवं समग्र व्यक्तित्व विकास को केंद्र बिंदु रखकर अपने उद्बोधन को इस प्रकार रखा ।
वही कुलपति, प्रो. रविन्द्र आर कान्हेरे (भोज मुक्त विश्वविद्यालय) ने उपस्थित अतिथियों के स्वागत करते हुए कहा । कि वर्तमान में पूरे विश्व में दो प्रकार के लोग रहते हैं एक नास्तिक और दूसरा आस्तिक ।
नास्तिक वह होता है जो ईश्वर प्रकृति में विश्वास नहीं रखता और जो कुछ भी प्राकृतिक प्रदत वस्तु है उसको स्वयं के लिए मानकर उसका दोहन करता है ऐसे लोगों की सोच संकीर्ण होती है और यह अपने परिवार में ही सिमट कर रह जाते हैं आस्तिक वह होते हैं जो ईश्वर और प्रकृति में विश्वास रखते हैं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं । संसाधनों पर एकाधिपत्य ना कर  पूरे विश्व के लिए मानते हैं । पंडित दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन एवं समग्र व्यक्तित्व विकास आस्तिक लोगों के लिए है जो ईश्वर में विश्वास करते हैं जो प्राप्त प्राकृतिक संपदा पर  स्व का आधिपत्य नहीं करते हैं । समग्र विश्व का इस पर अधिकार मानते हैं जो समग्र विश्वको अपना परिवार मानते हैं जो भारतीय संस्कृति में आस्था रखते हैं  । जो वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखते हैं ।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं कुलपति,प्रो. रामदेव भारद्वाज (अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय) ने । समग्र व्यक्तित्व विकास पर जोर देते हुए कहा । समग्र व्यक्तित्व विकास का अर्थ यह नहीं कि आपको आप अच्छे कपड़े पहनते हो , बड़े बड़े होटलों में जाते हो , पैसा वाले लोगों के साथ बैठते हो , अधिक पैसे वाले हो , अंग्रेजी बोलते हो । इसके ठीक विपरीत समग्र व्यक्तित्व विकास । किसी व्यक्ति के अंदर निर्मित वह विकास  है । जो राष्ट्र के संस्कृति , संप्रदाय , इतिहास एवं नव निर्माण के लिए तत्पर एवं समर्पित हो ।  समग्र व्यक्तित्व विकास का अर्थ शिक्षा , संस्कृति , रहन सहन , व्यवहार , राष्ट्रभक्ति , इत्यादि से है ना की आर्थिक स्थिति से ।
                                              जितेश सिंह



रविवार, 24 सितंबर 2017

नवरात्र में यही उपवास करू मैं ! (जितेश सिंह)



मां दुर्गा के चरणों में,
हम सब शीश झुकाते हैं ।
आह्वान करें उस शक्ति का,
जो महिषासुर को मारी थी ।

आज !

पुष्प समर्पित करके मां को,
हम मन को पावन करते हैं ।
जन कल्याण की भावना से,
हम मां की उपासना करते हैं ।

हृदय परिवर्तन हो मां मेरा,
तू पत्थर को मोम बना देना ।
मैं हर बाला में तुझे  पाऊ,
नित-दिन नवरात्र त्यौहार करू ।
कभी शत्रु ना आंख दिखा पाए,
मेरी पवित्र बहनों को मां ।

अब हर पुरुष में पुरुषार्थ जगाओ,
द्वेष बुद्धि का विनाश करो ।
मां दे, उसे इतनी शक्ति ,
वो अत्याचार का विरोध करें ......
                                              जितेश सिंह

शनिवार, 23 सितंबर 2017

संचार की अवधारणा और आवश्यकता :- ( जितेश सिंह)

मनुष्य प्रारंभ काल से । किसी न किसी रूप में एक-दूसरे से संचार करता  आ रहा है । अर्थात संचार के उदय का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि मनुष्य का निर्माण ।
मनुष्य के उदय के समानांतर ही संचार का उदय माना जाता है  । सरल शब्दों में अपने विचारों सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है । मनुष्य प्राचीन काल से ही संचार के लिए विभिन्न माध्यमों का विकास किया है , और यह विकास की प्रक्रिया आज भी प्रचलन में है ।
प्राचीन काल में भी आदिम मानव संचार के कई विधियों का प्रयोग करते थे । वह एक दूसरे से संकेततो एवं भिन्न -भिन्न तरह के ध्वनियों का उच्चारण कर । आपस में अपने विचारों को अभिव्यक्त करते थे ।
कुछ समय बाद संचार के लिए सर्वाधिक प्रचलित माध्यम ध्वनि थी , जिसे भाषा कहते हैं । भाषा के विकास के बाद संचार प्रक्रिया काफी विकसित और सरल हो गई । अब लोग अपने विचारों को भाषा में व्यक्त करने लगे । भाषा के विकास के बाद नाट्य,गीत,कहानियां,भाषण तथा चर्चा विभिन्न माध्यमों के द्वारा लोग आपस में सामूहिक संचार करने लगे ।
वर्तमान समय में संचार के वृहद रूप का अंदाजा भी नहीं लगा सकते । आज मनुष्य की गणना बुद्धिजीवी प्राणियों में होती है । तो उसका कारण संचार है । संचार से ही मनुष्य आपस में संगठित हुए । शिक्षित चिंतक और विश्लेषक बने । संचार के विभिन्न माध्यमों के विकास ने संपूर्ण विश्व को इतना छोटा कर दिया है । कि हम जिस भौगोलिक क्षेत्र के विषय में वहां की प्रकृति स्थिति या अन्य जानकारियां प्राप्त करना चाहे । सभी संचार के माध्यम से हमारे सामने उपस्थित हो जाते हैं । शिक्षा,
सामाजिक निर्माण तथा मनोरंजन के सापेक्ष । संचार के विकास अतुल्य है । आदिम काल से वर्तमान समय में संचार को समझने का प्रयास किया जाए , तो हमें ज्ञात होगा । संचार ही वह कारक या संचार ही वह माध्यम हैं । जिसके कारण समाज का निर्माण , विचारों की अभिव्यक्ति , विचारधारा की उत्पत्ति , राजनीति , शिक्षा , मनोरंजन ,कई महत्वपूर्ण पद्धतियां विकसित हुई । और आज हमारे जीवन चक्र को एक दिशा दे रही है ।
मेरे मत के अनुसार -  " संसार प्रक्रिया नहीं अपितु संपूर्ण विश्व का दर्पण है ।  इसमें सभी भगौलिक क्षेत्रों को देखा जा सकता है । इसके बारे में कई माध्यमों के द्वारा जानकारी प्राप्त किये जा सकता है । और सभी के सभी माध्यम संचार  कहलाते हैं । "
संचार की अवधारणा - अवधारणा का अर्थ संकल्पना से हैं, कल्पना यानी सोच ! संचार को वर्तमान समय के अनुसार विकसित करना । इसकी व्याख्या करना । इसके सार्वभौमिक उपयोगों को जन-जन तक पहुंचाना है । संचार के माध्यमों का  प्रयोग ज्यादा से ज्यादा आसान और सरल करना है ।
वर्तमान समय में संचार के विभिन्न माध्यम रेडियो , समाचार पत्र - पत्रिका , टेलीविजन , मोबाइल , टेलीफोन इत्यादि विकसित हैं । पूर्व समय में यही संचार के माध्यम  समय के लोगो  की अवधारणा होगी । जो आज विकसित रूप में हमारे बीच  है । वर्तमान में भी संचार के प्रारूपों को जनकल्याण के लिए सरल बनाने की आवश्यकता है । संप्रेषण की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता है । और संचार के तकनीकी उपयोग को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है ।
संचार के बहुमुखी प्रयोग भी संचार की अवधारणा है -
पत्र-पत्रिका , समाचार पत्र , रेडियो , टेलीविजन , इंटरनेट Google , WhatsApp , ईमेल , टेलीग्राम , इत्यादि तकनीकी माध्यमों को बहुजन के प्रयोग में लाने की आवश्यकता है ।
संचार की आवश्यकता -मनुष्य के अतीत से वर्तमान तक की यात्रा संचार है । मनुष्य के निर्माण की प्रक्रिया और समाज के निर्माण की प्रक्रिया के बीच कार्य कर रही माध्यम संचार है ।संस्कृति रहन सहन सामाजिक पद्धति बोलचाल विचार सोच तथ्य जानकारी शिक्षा आवश्यकता के विभिन्न स्रोत संचार है , या संचार का ही एक रूप है । किसी व्यक्ति को स्वयं से और समाज से जोड़ने की प्रक्रिया संचार है । संचार की आवश्यकता सार्वभौमिक है । प्रत्येक बच्चा जन्म काल से  संचार करने लगता है । उसके रोने हंसने और विभिन्न गतिविधियों को मां समझ जाती है । सनातन से वर्तमान तक जितने भी माध्यमों का विकास हुआ है । वह सब माध्यम संचार  या संचार के अंग है । संचार के बिना मनुष्य का कोई औचित्य नहीं है । संचार हमें सृष्टि के विभिन्न रूपों से अवगत कराती हैं । संचार केवल शिक्षा , मनोरंजन , तथ्य , इतिहास और समाचार इत्यादि तक ही सीमित नहीं है ।
जीवन के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विचार किया गया सोचा गया क्रिया संचार है ।
अतः जीवन के लिए प्राण वायु की आवश्यकता और जीवन जीने के लिए संचार की आवश्यकता दोनों समान हैं ।
                                           जितेश सिंह

ABVP के छात्रों की उपस्थिति कार्यक्रम दौरान अपमानजनक थी (जितेश सिंह)

जी हां ! हिंदी पखवाड़े के दौरान । अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कुछ इस तरह कार्यक्रम के दौरान उपस्थित हुए ।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य गुरुजी ने जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गठन किया । शायद उस समय संघ के विद्यार्थी विस्तारक और छात्र स्वयंसेवक उन उदेश्य को जीवन लक्ष्य के रूप में स्वीकार कर । उनका अनुशासनपूर्वक प्रतिपालन किया होगा । तभी तो आज विश्व की सबसे बड़ी छात्र संघ के रूप में 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ' उभरी है
यह विशालतम संगठन छात्रों की भावनाओं और उनके उद्देश्य के मार्गदर्शक के रुप में वर्तमान समय में छात्रों के समक्ष हैं । कार्यकर्ता वर्तमान समय के साधक है ।  जिनको भारतमाता का पुनरुत्थान एवं भारत को विश्वगुरु बनाने का दायित्व है ।
संगठन के विचारधारा का अनुपालन, अनुग्रहण एवं उन विचारों को अपने व्यक्तित्व में लाने का प्रयास करे ।
हालांकि। हम छात्र संघ के कार्यकर्ता हैं ।
                 अतः अपने व्यक्तिगत जीवन में अनुशासनपूर्वक लक्ष्य की प्राप्ति का प्रयास करते रहना चाहिए । संगठन के कार्यकर्ता होने के कारण हमारे व्यक्तिगत जीवनक्रम का । छात्रों पर गहरा प्रभाव पड़ता है । इसकारण अपने व्यक्तिगत जीवन को अनुशासित बनाने की आवश्यकता है । कुछ भी अव्यावहारिक कार्य ना करें । जिस से  छात्र हितों का हनन हो । स्वयं विचार करें ।
                                              जितेश सिंह
    

गुरुवार, 21 सितंबर 2017

JNU एक बार फिर विवादों में ! ( जितेश सिंह)


नई दिल्ली । जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद ने । भाजपा के सभी नेताओं को रंडीबाज कहा । इसके विरोध में अभिनेता अभिजीत ने  कहा - "ऐसी अफवाह फ़ैल रही है ।  शहला रशीद के ग्राहक से । 2 घंटे के लिए एडवांस पैसे लेकर । लेकिन उसे संतुष्ट नहीं कर पाए । प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने अभिजीत को गालियां बकने वाला सांप्रदायिक ठग बताया ।
   JNU छात्रा पूर्व अध्यक्ष शकीला राशिद  की । भाजपा  खिलाफ यह टिप्पणी कहीं ना कहीं । मुस्लिम महिलाओं के चरित्र को प्रदर्शित करते हैं । जो हर रोज धार्मिक कट्टरता के नाम पर, उसके विसंगति के कारण । मुल्लाओ और मौलवियों के शिकार होती हैं। उनका गुस्सा जायज है । पर वह अपने धर्म के विरुद्ध कुछ बोलने की हौसला ही नहीं जुटा पाती है । इसलिए देश की सबसे बड़ी, लोकप्रिय पार्टी को बदनाम कर रही है । ताकि यह संदेश मिल जाए । वह झूठ बोल सकती है, तो सच भी बोल सकती है । इसकी जांच हो उनको । मौलवियों और मुल्लाओं के अत्याचारों से, तीन तलाक की तरह मुक्ति मिले ।
  प्रशांत भूषण जी एक बड़े कद के वकील है ।  और मुस्लिम महिलाओं के बहुत बड़ा समर्थक भी । जब भी कोई पीड़ित मुस्लिम महिला इनके पास आती हैं । तो वकील साहब  उसे पत्नी का दर्जा दिते है । इस टिप्पणी को संप्रदायिकता से जुड़कर उन्होंने अपने भाव को स्पष्ट कर दिया -
   शहला राशिद की बातों में कुछ तो सच्चाई है । अगर इसकी जांच सीबीआई के द्वारा की गई तो सारा कांग्रेस परिवार वैश्य परिवार कहा जाएगा । नेहरू, नेहरू की पत्नी का संबंध फिरोज खान के साथ,  इंदिरा गांधी से संबंध फिरोज खान  साथ, सोनिया गांधी और राजीव गांधी का संबंध विवाह से पहले, राहुल गांधी का संबंध विदेशों में न जाने कितने लड़कियों से,सभी राज खुल जाएंगे । मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, शरीयत कानून, के द्वारा  मुस्लिम महिलाओं का यौन शोषण, अत्याचार ना जाने कितनी बातें स्पष्ट होगी । मैंने तो प्रशांत भूषण जी के । मात्र दो वाक्यों का विश्लेषण किया है । कुछ शब्दों का चयन असभ्य है । परंतु वर्तमान परिस्थिति ने इन शब्दों को जन्म दिया है । आप स्वयं इसका विश्लेषण और समीक्षा करें ।
                                                   जितेश सिंह 


अमताबच्चन ने कुछ इस तरह मोदी जी को पत्र लिखी

परम आदरणीय और सम्माननीय प्रधान मंत्री,
श्री नरेंद्र मोदी जी,

आपके जन्म दिवस पर अपने,
और अपने परिवार की ओर से आपको शुभकामनाएं
अर्पित करता हूँ , और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की
आप स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों ….
आपसे पहला परिचय,आपका निवास स्थान,मुख्यमंत्री,गुजरात
घर, साधारण से भी साधारण, और कमरा उससे भी साधारण
मिलने का कारण *"पा"*
फिल्म को कर मुक्त करने की माँग… आपने कहा...मैं फिल्म देखूँगा,साथ अपनी ही गाड़ी में बैठाकर थियेटर ले जाना,फिल्म देखना,उसके बाद
वहीं भोजन साथ करना …. घर वापस आना,
ऐसे ही, गुजरात टूरिज्म के प्रमोशन के विज्ञापन की बात करना,और विदाई …..
आश्चर्य …. !!!
हफ्ते भर के अंदर गुजरात टूरिज्म के अधिकारी
पूरी जानकारी लेकर मुम्बई मेरे पास उपस्थित ,
काम आरम्भ करने के लिए
…. और कुछ ही दिनों में काम शुरू !
आश्चर्य …. !!!
काम के दौरान,मेरी मांग,
की कोई भी राजनीतिज्ञ से न मिलना चाहूंगा न चाहूंगा की वे,
जहाँ काम कर रहा हूँ,उपस्थित हों
….. जितने दिन-महीने काम किया ,
एक भी राजनीतिज्ञ नहीं दिखा,
और न ही मिलने आया ….
आश्चर्य …. !!!
गुजरात में जहाँ कहीं भी,
किसी भी दिन, काम के लिए पहुंचा,
पहला फोन आपका – ” स्वागत !
किसी भी चीज़ की ज़रुरत पड़े तो मुझे फोन कीजियेगा ;
बाहर बहुत गर्मी है, बीच बीच में थोड़ा आराम करते रहिये गा,
और पानी पीते रहिये गा। .. !
आश्चर्य … !!!
महीनों बाद गुजरात टूरिज्म का काम समाप्ति पर,
अचानक एक दिन आपका मेरे होटल में आगमन,
मुझे धन्यवाद देने के लिए,
श्री द्वारिका मंदिर की छवि की भेंट,और विदाई …. !
आश्चर्य …. !!!
देश के आम चुनाव के दौरान आपके भाषण सुनना,
और एक दिन आप की विजय प्राप्ति की घोषणा …. !
कोई आश्चर्य नहीं … !!!
प्रधानमंत्री पद पे आपकी नियुक्ति, संसद भवन में आपका प्रवेश,
आपके विचार, आपके अनेक आम कार्यक्रमों की घोषणा,
उनपर व्यतिगत मॉनिटरिंग करते रहना,
विदेश में भारत की छवि और भारत की प्राथमिकता पर
विश्व को जागृत करना … !
कोई आश्चर्य नहीं … !!!
किसी भी शादी ब्याह या आम कार्यक्रम में मुझे दूर से पहचान लेना,
और मिलके कोई ऐसी व्यक्तिगत बात करना :
” उत्तरायण के समय छत पर पतंग उड़ाते,
आपकी उंगली कट गयी थी,अब कैसी है,ठीक है ?”
कोई आश्चर्य नहीं …. !!!
स्वच्छ भारत अभियान,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ,
TB,Hepatitis B,किसानों और
आम आदमी के लिए आर्थिक सुरक्षा का अभियान ,
पानी बचाओ अभियान,शौचालाय बनाने का अभियान –
इन सब पर आपके विचार और उनसे देश को जागृत करना … !
कोई आश्चर्य नहीं … !!!
इन सभी विषयों पर पहले कभी भी इतनी एकाग्रता,
और दृढ़ता से देश को और समाज को परिचित कराना …!
अब … कोई आश्चर्य नहीं … !
अब यह हमारा संकल्प है … !
और प्रत्येक देश वासी इन सभी कार्यक्रमों में यदि अपना योगदान न दे ,
तो निराशा तो होगी ही, लेकिन … !
आश्चर्य भी होगा … !!!
आदरणीय मोदी जी, इस जन्म दिवस पर...
ये ‘आश्चर्य’ की धारणा सभी पे बनी रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है …. !

*स्नेह आदर सहित*
*अमिताभ बच्चन...*

बुधवार, 20 सितंबर 2017

कैसे पहुँचे लक्ष्य से आगे ?

कैसे पहुँचे लक्ष्य से आगे ?
            *****

कैसे पहुँचे लक्ष्य से आगे ?
ये पूछते ही वो गंभीर हो गए।
वर्तमान से निकल कर
अतीत में खो गए।
और कहने लगे-
हौसला बुलन्द था
सफर मुश्किल से कटता था।
धारा के मध्य थी नैया
लाचार था मैं,
क्योंकि मैं ही था खेवैया।

आँधी का ज़ोर था
बारिश का शोर था।
तूफ़ान से लहरो ने
कश्ती को बचाया।

थपेड़ो ने मझधार से
साहिल तक पहुँचाया।
ऐसे ही मेरा सफर चलता रहा
और मैं मंजिल से आगे निकलता रहा।

      

हिंदी विश्वविद्यालय परिसर में विराट छात्र प्रदर्शन




हिंदी विश्वविद्यालय परिसर में विराट छात्र प्रदर्शन |आप सभी छात्रों से निवेदन है हिंदी बचाओ! विश्वविद्यालय परिसर बचाओ अभियान ! में भाग ले | जल्द से जल्द कुलपति जी के कक्ष के निकट आने का प्रयास करें |
 हिंदी के दलालों से, हिंदी को बचाने की| भारत माता की जय ! मामा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी ! नहीं चलेगी ! के नारे के साथ आप सभी का  विराट प्रदर्शन में स्वागत है | 
                                          जितेश सिंह

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लिया बड़ा फ़ैसला

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लिया बड़ा फ़ैसला – फिर मुश्किल में कांग्रेस – कई नेताओं पर लटकी तलवार – हामिद अंसारी भी सवालों में
देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है, जिसके बाद कई भ्रष्ट अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं l माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के मक़सद से वेंकैया नायडू ने ये कदम उठाया है l
आपको याद ही होगा कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को जाते-जाते भारत में मुस्लिम असुरक्षित लगने लगे थे और उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया था l जिसके बाद खुलासा हुआ था कि कैसे हामिद अंसारी के कार्यकाल के दौरान राज्यसभा टीवी के नाम पर करोड़ों रुपयों की लूट की गयी थी l अब देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस लूट की जांच के आदेश दे दिए हैं l
नए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने घोटालों की इन रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए राजयसभा टीवी में हुए पूरे खर्च का ईमानदारी से ऑडिट कराने को कहा है l यह जानकारी सामने आई है कि 2011 में राज्यसभा टीवी शुरू होने से लेकर अब तक इस पर 375 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और इतना ज्यादा बजट तो बड़े-बड़े प्राइवेट चैनलों का भी नहीं होता l
इस चैनल को राज्यसभा की कार्यवाही दिखाने के लिय शुरू किया गया था, लेकिन भ्रष्टाचार और लूट का आलम देखिये कि हामिद अंसारी और कांग्रेस के करीबियों को नौकरियाँ बाँट दी गयीं l हद तो तब हो गयी, जब इस चैनल ने बाकायदा कमर्शियल फिल्मों का प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया था और इसके लिए प्राइवेट प्रोड्यूसर को बिना किसी औपचारिकता के करोड़ों रुपये तक दे दिये गए l गौरतलब है कि राजयसभा टीवी सीधे उप-राष्ट्रपति के अंडर ही आता है l
नए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस बात पर हैरानी जताई है कि राज्यसभा टीवी के फंड से 12.50 करोड़ रुपये एक कमर्शियल फिल्म ‘रागदेश’ बनाने के लिए दे दिए गए l फिल्म बनाने के बाद फिल्म के प्रमोशन इत्यादि के नाम पर भी काफी लूट की गयी और इस फिल्म का प्रोड्यूसर राज्यसभा टीवी को नहीं, बल्कि इसके सीईओ गुरदीप सप्पल को बनाया गया l मानो फिल्म के लिए पैसे उन्होंने अपनी जेब से दिए हों l
गुरदीप सप्पल हामिद अंसारी के ओएसडी भी थे l जनता के पैसों से बनी इस फिल्म में दिग्विजय सिंह की दूसरी पत्नी अमृता राय को बतौर हीरोइन लिया गया था l राजयसभा टीवी को चलाने के लिए संसद भवन के बाहर एक जगह किराये पर ली गई थी, जिसका किराया 25 करोड़ रुपये था और माना जा रहा है कि ये अपने आप में एक बड़ा घोटाला है l इसके अलावा 3.5 करोड़ रुपये कर्मचारियों को लाने-ले-जाने के लिए कैब सर्विस पर फूंक दिए गए l यानि जहाँ-जहाँ से हो सकता था, वहां-वहां से लूट की गयी l
ख़बरें ये तक हैं कि राजयसभा टीवी की लूट में भी पत्रकारों का ख़ास ख्याल रखा गया l कांग्रेस के वफादार पत्रकारों को राज्यसभा टीवी में गेस्ट एंकर बनाकर हर महीने लाखों रुपये बांटे गए और इसके अलावा हामिद अंसारी जितनी बार भी विदेश यात्रा पर गए, उनके साथ राज्यसभा टीवी की एक के बजाय दो टीमें भेजी जाती थीं l
इसके अलावा राजयसभा टीवी में नौकरी कर रहे पत्रकारों ने जनता के पैसों से विदेशों में पढ़ाई और स्कॉलरशिप पर भी खूब ऐश की l इन पत्रकारों में दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय, द वायर के एमके वेणु, कैच के भारत भूषण, इंडियास्पेंड.कॉम के गोविंदराज इथिराज और उर्मिलेश जैसे नाम शामिल थे l ये सभी कांग्रेस के तनखैया पत्रकार माने जाते रहे हैं l
राज्यसभा टीवी घोटाले को कांग्रेस का आखिरी घोटाला कहा जा सकता है, क्योंकि 2014 में सत्ता जाने के बाद राज्यसभा वो आखिरी संस्था थी जिस पर कांग्रेस का कब्जा था l अगस्त 2017 में हामिद अंसारी के रिटायर होने के बाद ये कब्जा खत्म हुआ और इस दौरान उनकी अगुवाई में राज्यसभा में कांग्रेस के चाटुकार पत्रकारों की गतिविधियां हमेशा विवादों के साये में रहीं l इस टीम में कांग्रेसियों के अलावा बड़ी संख्या में वामपंथी और जिहादी सोच वाले पत्रकार भी शामिल थे, जिन्होंने सत्ता की मलाई का जमकर मजा उठाया l
मगर अब तो जांच शुरू हो गयी है और उम्मीद है कि जल्द ही पोल-पट्टी भी खुलेगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा l

पर्यटन विभाग कर रही, हिंदी का प्रचार प्रसार

हिंदी को समृद्धि बनाएंगे । हिंदी का प्रचार करेंगे ।।
आज प्रचार खूब  हो रहा है । हिंदी विश्वविद्यालय के परिसर का ।।
इधर भी हिंदी उधर भी हिंदी । सभी न्यूज़ पत्र- पत्रिका में हिंदी ।।
हिंदी का प्रचार करेंगे । हिंदी का प्रचार करेंगे ।।
प्रचार इतना जोरदार हुआ । विश्वविद्यालय की इमारतें टूट गई।।
कुलपति जी के कक्ष में तोड़फोड़ कर डाली ।
शायद पर्यटन विभाग ने । संभाली ' हिंदी प्रचार ' की जिम्मेदारी ।।
पानी तक बंद कर दिया गया । हिंदी के प्रचार में ।।
पर्यटन विभाग कर रही हैं । भाई हिंदी की प्रचार ।।
प्रचार इतना व्यापक हुआ । कुर्सी- टेबल, बिजली उपकरण भी,  कक्ष से बाहर आ गए ।।
यह कैसा प्रचार हुआ । शायद अनोखा है, यह हिंदी का प्रचार।।
 फिर भी हिंदी का प्रचार हुआ ।।
 छात्र बैठे रहे विरोध में । मीडिया करती रही प्रचार ।।
आज हमारी शासन ने देखो । हिंदी का प्रचार किया ।।
                                             जितेश सिंह 

मंगलवार, 19 सितंबर 2017

अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते है, कर्मचारी !

नीमच। नगरपालिका में प्रतिदिन सैकडों लोग विभिन्न कार्यों के लिए जाते है लेकिन उन्हें एक बार जाने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिलते है। कौन अधिकारी किस टेबल पर बैठता है। यह पता लगाना भी मुश्किल है। नपा संबंधित कार्य के लिए दिनभर लोग नपा के संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को ढूंढते रहते है। हेल्प डेस्क लगाने की मांग कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने नपा अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन और  सीएमओ संजेश गुप्ता से की है।

पार्षद श्री लोक्स ने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ लेने, राशनकार्ड बनवाने, पेंशन योजना, नामांतरण सहित विभिन्न कार्यों के लिए जनता  नपा कार्यालय पर पहुंचती है तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। कर्मचारियों और अधिकारियों की तलाश में जनता भटकती रहती है। जनता को किसके पास जाना है। इस संबंध् में जवाब देने वाला भी नहीं मिलता है। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी उनके काम नहीं होते है। परेशानी और निराशा  लोगों को मिलती है। कई ऐसी योजनाएं है, जिनकी जानकारी नहीं मिलने के कारण जनता फायदा नहीं उठा पा रही है। हितग्राहियों की सुविधा के लिए सहायता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए और कम से कम तीन कर्मचारी नियुक्त किया जाना चाहिए।



नपा में कर्मचारियों की कमी, एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर झाडते है पल्ला

पार्षद लोक्स ने बताया कि नपा में कर्मचारियों की कमी है, जो रिटायर्ड और स्थानांरित हुए है उनके स्थान पर नए व्यक्ति की पदस्थापना नहीं हुई है। इसी कमी का अधिकारी और कर्मचारी फायदा उठाते है और बार—बार कर्मचारियों की कमी की बात कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड ते है।
                                         दीपिका राठौड़

महा मंत्री अर्चना चिटनिस पहुंची मंडल महामंत्री सुनील कटारिया के घर

नीमच आई प्रभारी मंत्री अर्चना चि‍टनिस । आज भाजपा के नगर मण्डल महामंत्री सुनील कटारिया के निवास स्‍थान पहुंची  । और श्रीमति मोनिका कटारिया का हाल जाना ।
श्रीमति मोनिका कटारिया ने 30 दिन के उपवास कि थी ।इस को लेकर इनकी साता पूछने के लिये । उनके निवास स्‍थान भाजपा का दल पहुंचा । इस मौके पर विधायक कैलाश चावला, ओमप्रकाश सकलेचा, दिलीप सिंह परिहार, नगर पालिका अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन, लोक निर्माण सभापति शैलेंद्र गर्ग, वार्ड पार्षद विष्णु बिंदल, शोभित अजमेरा सहित समाज जन मौजूद रहें ।
                                          दीपिका राठौड़

छात्रों के बीच संयम और एकजुटता की आवश्यकता !

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय  में । छात्रों के द्वारा इस विराट प्रदर्शन में देखा गया ।

कुछ ही छात्र छात्राएं सक्रिय रुप से इसमें भूमिका निभा रहे थे। जबकि विश्वविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को । इस शैक्षणिक परिसर के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए । शैक्षणिक परिसर छात्र-छात्राओं के लिए मंदिर के समान होता है । शिक्षा और विद्यालय के प्रति प्रदर्शन भजन के समान होता है । इस प्रदर्शन रूपी भजन में । सभी छात्रों की सहभागिता आवश्यक है । इस विरोध के दौरान जो नारे बोले गए । उसमें भी परिवर्तन की आवश्यकता है । क्योंकि हम एक विद्यार्थी हैं ?अतः हमें कुछ बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है ।
हमारे हौंसले इतने बुलंद है । कि हमें इन राजनीतिक नारों की आवश्यकता नहीं । एकजुटता हम छात्रों की पहचान है ।
परंतु प्रदर्शन के दौरान इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया गया । जबकि छात्र प्रदर्शन के ये  मुख्य बिंदु हैं ।
जब तक कोई प्रदर्शन का उद्देश्य सफल नहीं होता । तब तक प्रदर्शनकर्ता का मनोबल हिमालय के शिखर के समान होना चाहिए । लेकिन इस प्रदर्शन में कुछ छात्रों को । प्रदर्शन अधूरा छोड़ कर घर जाने की जल्दी थी । उन्हें अज्ञात होना चाहिए । 1 दिन अगर घर लेट से जाएंगे ,  तो आने वाले लाखों दिन का भविष्य बच सकता है । ये उनके  स्वार्थ की ही बातें हैं ।
क्षमा कीजिएगा ! मेरा उद्देश्य किसी को दुख पहुंचाना नहीं है । मैं उन सभी लोगों का स्वागत करता हूं । जो लोग इस प्रदर्शन में उपस्थित हुए । 
आप टिप्पणी जरूर करे । अपने विचार को भी प्रकट करे । नमस्कार !
                                           जितेश सिंह 

हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों का फूटा गुस्सा

धरने के समय बैठे छात्रों के प्रति

जी हां ! आज तमाम न्यूज़ चैनलों का केंद्र बिंदु । अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय रहा । विद्यालय परिसर में पर्यटन विभाग के द्वारा तोड़फोड़ की गई । विश्वविद्यालय के कुलपति जी का कक्ष भी तोड़ा-फोड़ा गया । पानी की पाइप लाइन तक को तोड़ा गया । छात्र छात्राओं को कक्षा से बाहर निकालकर कुर्सी टेबल एवं विद्युत उपकरणों को क्षतिग्रस्त किया गया । जिसके बाद विवि छात्र एकजुट होकर शिवराज सरकार और पर्यटन विभाग के विरुद्ध धरने पर बैठ गये।
फिर क्या था ? मध्य प्रदेश के तमाम समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रिपोर्टरों का आना-जाना । करीब 5:00 बजे शाम तक रहा ।अंततः पर्यटन विभाग को 12 घंटे की समय दिया गया है । कि वह छात्रों को लिखित रुप में दें ।जब तक विश्वविद्यालय यहां रहेगा । वह कोई कार्य विद्यालय परिषद में नहीं करेंगे । नहीं तो कल फिर  विराट प्रदर्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  एवं विवि के छात्र छात्राओं की ओर से होगी ।
यह राजनीति नहीं है । अधिकार और हक की लड़ाई । हिंदी के प्रति सभी समर्पित शिक्षक एवं इस छात्रों से अनुरोध हैं ।
वे इस प्रदर्शन में शामिल हो ।
                                     जितेश सिंह
                   jiteshrajpoot143@blogspot.in


पर्यटन विभाग की दादागिरी नहीं चलेगी

जी हां, पर्यटन विभाग की दादागिरी नहीं चलेगी ! पर्यटन विभाग के द्वारा अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के परिसर को तोड़ फोड़ किया गया । विवि के कुलपति जी के कक्ष में तोड़फोड़ की गई । बड़ी ही बर्बता से ।परिसर में को । आज बिना सूचना दिए बुलडोजर से तोड़ा गया । परिसर के कुर्सी टेबल और विद्युत उपकरणों को क्षतिग्रस्त किया गया । यहां तक कि पानी के पाइप लाइन को भी दो दिन पहले ही पर्यटन विभाग के लोगों ने काट दिया था । आज विवि छात्रों को कक्ष से बाहर निकल कर। पर्यटन विभाग के द्वारा परिसर में तोड़फोड़ की गई । पर्यटन विभाग और शिक्षा विभाग दोनों मध्य प्रदेश सरकार के अंग है । विवि के शैक्षणिक परिसर को तोड़ कर होटल का निर्माण । कहीं ना कहीं शिक्षा के पर एक बड़ा घात हैं । अभी 5 दिन पहले ही विवि  द्वारा आयोजित । हिंदी दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी। ने यह आश्वासन दिया था । शासन  हिंदी और विवि के प्रति समर्पित हैं । हिंदी विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में  पूरा योगदान देगी ।और इसी बीच आज पर्यटन विभाग के द्वारा । विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ सरकार की दोहरी नीति को प्रदर्शित करती है । विवी के विद्यार्थियों ने सरकार के इस नीति और पर्यटन विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया ।
हम सभी की मांग इतनी ही है। जब तक हमारी व्यवस्था नहीं हो । तक तक हमें शांति से अध्धयन करने दिया जाए ।
                                                                जितेश सिंह 

सोमवार, 18 सितंबर 2017

आज क्यों तेरी याद आई ! ( जितेश सिंह )

ऐ मेरी जन्मभू!
तुझी से मेरा औचित्य है|
आज फिर तेरी याद आई!

कहीं दूर बैठे जब शांत
चित्त हो जाता हूं|
फिर घर की याद आई,
आज फिर तेरी याद आई!

संभावनाओं के अवसर
प्राप्त करते करते|
शायद मैं भटक गया,
इसीलिए तेरी याद आई!

इस भौतिकवादी दुनिया से,
शायद मैं रूठ गया|
तभी तो तेरी याद आई!

वह पीपल की छाव,
बाग़ और बगीचे,
कि यादे और
तेरी याद आई!

वो गंगा के किनारे,
पावन सा मंदिर!
आज फिर मुझे याद आई!

शायद वो बड़े
बदनसीब होते हैं!
जिन्हें गाँव का
गोद नहीं मिला|

सब कुछ तो तूने दिया है
मैं मांगू क्या?
बस मेरे बचपन की यादे
रखना संभाल कर!

थक कर दुनिया के
साज-बाज से,
एक वही आऊंगा|
और तुम भी तो मुझे
बुलायोगी!
                                           - जितेश सिंह 

संचार के विभिन्न परिभाषाएं

जे.पॉल लीगन :- "संचार एक प्रक्रिया है जिसमें दो अथवा दो से ज्यादा व्यक्ति आपस में विचारों, तथ्यों एवं भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं कि उनमें से हर व्यक्ति संचरित संदेश के अर्थ, विषय सामग्री तथा इस्तेमाल को समझते हैं ।"

वारेन वीवर:- "संप्रेषण वे सभी प्रविधियां है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति के विचार दूसरे व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करता है ।"

डॉक्टर रंजीत सिंह:- "सरल अर्थों में, संचार का अर्थ संदेश प्राप्ति के लिए भेजने वाले व धारण करने वाले के मध्य एकरूपता है । संचार व्यक्तियों के मध्य अर्थ का आदान प्रदान करने की प्रक्रिया है ।"

लुईस ऐ. ऐलन :- "संप्रेषण उन सब क्रियाओं का योग है, जिसको एक व्यक्ति, अपनी विचारधारा को दूसरे व्यक्ति के मस्तिक में पहुंचाने के लिए या उसे समझाने के लिए अपनाता है । इसके तहत कहने सुनने एवं समझने की व्यवस्थित तथा निरंतर क्रियाओं का समावेश होता है ।"

रविवार, 17 सितंबर 2017

बौद्ध भक्षु विराथू आतंक के साथ शांति नहीं चलती। (जितेश सिंह)


बौद्ध भिक्षु विराथू के इस वीडियो को देखे । विराथू के नेतृत्व में पूरा विश्व आतंकवाद के विरुद्ध खड़ा नजर अाया। म्यांमार, श्रीलंका,चीन के बैद्घ संतो में विराथू की बाते को स्वीकार किया । आतंकवाद के खिलाफ .....
म्यांमार के लोगो का विरुद्ध मुसलमानों के प्रति उचित हैं।
कई वर्षों से म्यांमार आतंकवाद से घिरा हुआ था। आय दिन वहां के लोगों को मारा जाता रहा। शायद कुछ लोग इसका विरुद्ध करेंगे । परंतु आतंकवाद के खिलाफ अब कुरुक्षेत्र में उतरने की आवश्यकता है ।  विश्व के सभी देश एक मंच पर आकर कुरुक्षेत्र का आह्वान करें । या सभी देश आतंकवाद के विरोध अनेकों कुरुक्षेत्र निर्मित करें । म्यांमार के सरकार ने जो फैसला ली है । मैं उसका सम्मान करता हूं । और यह फैसला प्रशंसनीय हैं । आतंकवाद के विरुद्ध म्यांमार एक आईना है । जो सभी देशों को आतंकवाद के विरुद्ध आमने सामने की लडाई की उदाहरण पेश करता है ।
विराथु कहते हैं कि, हम शांति में विश्वास रखते हैं । मगर कोई भी शांति प्रियव्यक्ति पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकता । वह बेमौत मारा जायेगा । ठीक इसी प्रकार धर्म के नाम पर मुस्लिम समुदाय । पूरे विश्व की आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते अाया है । इस्लाम बर्बरता से पूरे विश्व में अपनी सत्ता कायम करने के लिए , हिंसात्मक घटना कर रहा है। पूरे विश्व में अशांति पैदा होने का कारण मुस्लिम समुदाय ही है ।  अतः इनका बर्बरता से खात्मा कर देना चाहिए । तभी शांति की स्थापना होगी
मैं मानता हूं कि कुछ मुस्लिम राष्ट्रवादी है। तो उन्हें इस्लाम को अस्वीकार करना चाहिए ।  पुनः घर वापसी करना चाहिए । क्योंकि ? अगर विभीषण को बचना हो तो, उसे राम शरण में आना ही होगा                                                                                                                   जितेश कुमार     

शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,वर्ग गीत
स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना, जाग उठी हूंकार ।
भूमंडल पर भारत मां की, होगी जय जयकारा ।।ध्रू०।।
                                      होगी जय जयकार --४
तेजोमय शक्ति के साधक, स्त्तवगुणों के है आराधक--२
संयम धारे चले निरंतर, शुभ आचार- विचार ।।१।।
                                    होगी जय जयकार--४
कदम कदम से कदम मिलाएँ,हृदय हृदय में स्नेह जगाएँ--२
संकट सारे ध्वस्त करेगा,राष्ट्र भक्ति का ज्वार ।।२।।
                                   होगी जय जयकार--४
ऋषि मुनियों की अनुपम थाती, अपने रग- रग में लहराती--२
सदा बही है, सदा बहगी, सत्य सनातन धार।।३।।
                                   होगी जय जयकार--४
सधे स्वरों से अर्चन करते, ध्येयनिष्ठ अपने डग भरते--२
देश की रक्षा धर्म हमारा, इस पर तन मन वार।।४।।
                                 होगी जय जयकार --४
   जितेश सिंह
                               

हिंदी की बात मुख्यमंत्री जी के साथ

 मुख्यमंत्री जी ने कहा "यह हिंदी मातृभाषा है । इसके संकुचन होने का कारण हमारा विदेशों के प्रति लगाव है । अब हम इसे सरकार और समाज के साथ पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे । सरकार सख्त कदम लागू करेगी । प्रत्येक दुकानदार को । अपनी दुकान के नाम और प्रचार प्रसार के लिए पंपलेट और बैनर में हिंदी लिखा ही होना चाहिए।  साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि मैं सभी भाषा का सम्मान करता हूं । परंतु हिंदी के स्थान पर अंग्रेजी नहीं चलेगी ।  अंग्रेजी में भी लिखो लेकिन हिंदी लिखना ही पड़ेगा । मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि आजकल मां बाप अपने बच्चे को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाते हैं ।  वह बड़ा गर्व महसूस करते हैं ।चाहे बच्चा को कुछ समझे  या ना ।  मैं पिछले 27 साल से सांसद, विधायक और गत 11 वर्षों से मुख्यमंत्री हूं ।मैंने तो ठेठ हिंदी विद्यालय में ही पढ़ाई की ।
राजनीति चुटकी-राजनीति चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा । एक हिंदी भाषी ही राज्य के नेता जी हैं । जो हिंदी बोलते हैं, परंतु तो पार्लियामेंट में अंग्रेजी में भाषण देते हैं । मैंने उनसे पूछा । आपको तो हिंदी आती है । फिर भी आप क्यों अंग्रेजी बोल रहे हैं । इस पर उन्होंने कहा कि अंग्रेजी बोलने से पर्सनालिटी बढ़ती है मान सम्मान मिलता है ।
लेकिन मैं आपको बता दूं, कि मैं देश विदेश तक की यात्रा की । विदेशों में भी भाषण दिया । परंतु हमेशा  हिंदी में ही बोला और हिंदी बोलने से मेरा मान सम्मान और भी ज्यादा बढ़ा है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम ।  हिंदी दिवस के अवसर पर  माननीय मुख्यमंत्री जी मुख्य अतिथि मुख्य /वक्ता थे ।इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ शुुरू हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे । कुलपति प्रोफेसर रामदेव भारद्वाज ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया । उन्हें सरस्वती मां की एक प्रतिमा भेंट की ।
विवि के कुलपति ने कहा "हिंदी एक समृद्ध भाषा है । दिन प्रतिदिन इसका स्तर संकुचित होते जा रहा है । इसका कारण भय और लोभ है । आज इतनी समृद्ध भाषा को लोग हैं।भय अंग्रेजी नहीं बोलूंगा । तो अच्छी नौकरी नहीं मिलेगी ।समाज में मान सम्मान नहीं मिलेगा । लोभ अंग्रेजी आ जाएगी तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी मिल जाएगी । विदेश घूमने का अवसर मिलेगा । भौतिक सुख सुविधाएं मिलेगी ।
इस कार्यक्रम में हिंदी के विभिन्न विद्वानों को सम्मानित किया । उन्हें दो दो लाख और एक एक लाख का पुरस्कार भी मुख्यमंत्री जी ने सम्मान के तौर पर दिया ।

मंगलवार, 12 सितंबर 2017

मुख्यमंत्री शिवाजसिंह चौहान हिंदी विश्व विद्यालय के छात्रों बीच हिंदी दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे

अटल बिहारी भाजपेयी हिंदी विश्व विद्यालय, भोपाल(म.प्र.)
द्वारा आयोजित  कार्यक्रम हिंदी दिवस के अवसर पर समन्वय भवन (न्यू मार्केट,भोपाल) जाएंगे मुख्यमंत्री । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि/वक्त होंगे। कार्यक्रम आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी विक्रम संवत २०७४,तदानुसार गुरुवार १४ सितम्बर सायं ५:३० से प्रारंभ होगा। जिसके आध्यक्षता माननीय प्रो. रामदेव भारद्वाज, (कुलपति ,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्व विद्यालय) करेंगे। आप सभी मध्यप्रदेश वासियों से निवेदन है कि, कार्यक्रम में भाग ले। हिंदी विचार धारा से संबंधित आप   सम्मानित का स्वागत है। कार्यक्रम में उपस्थति होकर राष्ट्रभाषा हिंदी के लिए संकल्पित हो।

गरीब के घर


सत्य सहज प्रकृति (गणिनाथ सहनी बिहार)


दोनों के आपसी झगड़े और दोनों ही रो पड़े .....


अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्व विद्यालय  परिवार की ओर से आप सभी को निमंत्रण १४ सितम्बर हिंदी दिवस के अवसर पर समन्वय भवन में कार्यक्रम हैं,जिसके मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिराजसिंह चौहान  हैं।

क्या फायदा ! (गणिनाथ साहनी बिहार)


माना कि वक़्त कीमती हैं ( गणिनाथ सहनी बिहार)


कांग्रेस की निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में भारी गिरावट के पूर्वानुमान

भविष्य में क्या होंगी, मैं नहीं जनता हूँ |  इस दौर में बहुत लोग अभिव्यक्ति की आजादी का अलाप जप रहे है |  तो मुझे भी संविधान के धारा  19  क...