मंगलवार, 26 सितंबर 2017

काले अंग्रेजों से आज भी घिरा भारत ! (जितेश सिंह)

हम बार-बार गुलाम क्यों हुए । जब भी हमें मुक्ति मिली , आजादी मिली । हमने गुलामी के वह सब दुखों को भूल कर ।भारत को आजाद मान लिया । लेकिन कभी विचार नहीं किया ।  यह क्या यह वास्तविक आजादी है ? क्या सचमुच हमें आजादी मिल गई है ? कभी इस ओर हमने ध्यान ही आकृष्ट नहीं किया । आजादी में जो वीर पुरुषों ने अपना बलिदान दिया । आजाद भारत की सरकार ने उसे क्रांतिकारी नहीं आतंकवादी कहा ।  ऐसा क्यों कहा गया ? कभी हमने इस पर विचार तक नहीं किया । वीर सावरकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद , बटुकेश्वर दत्त, सुभाष चन्द्र बोस  को क्रांतिकारी नहीं माना गया।  इस बारे में  हमने कभी नहीं विचार किया । हमें तो सिर्फ आजादी चाहिए और आजादी का खूब मजा उड़ाया । लेकिन अब तक क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हुए ? इस विषय में कभी चर्चा नहीं की । अगर आजाद हुए और वर्तमान सत्ता भारतीय महापुरुषों के हाथ में गई । तो फिर यह भ्रष्टाचार, गरीबी,संप्रदायिकता, आतंकवाद क्यों ? वर्तमान सरकार ने क्यू ? भारतीय क्रांतिकारियों को अंग्रेजों की तरह आतंकवादी मानती रही ।
कांग्रेस सरकार के 60 साल के सत्ता को देखा जाए । तो अंग्रेजों से भी ज्यादा इन्होंने भारतवर्ष में घोटाले और भ्रष्टाचार किये है । क्या ये भारत के मूलनिवासी हो सकते हैं ? क्या यह भारतीय हो सकते हैं ?  क्या इन्हें भारत से प्रेम हो सकता है ? क्या इनमें भारतीयता की झलक दिखती है ? कभी नहीं ।
महान अर्थशास्त्री  ' चाणक्य ' के विचारधारा का मनन करें तो, चाणक्य ने कहा था । विदेशी महिला के द्वारा उत्पन्न संतान कभी देश का भला नहीं कर सकती है । हम चाणक्य को महान तो मानते हैं । चाणक्य की विचारधारा को भी महान मानते हैं । पर चाणक्य के इस बात पर विचार क्यों नहीं करते ? हमें क्या मतलब इससे ? इस देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं हैं । जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मानते है । कौन सा राष्ट्रपिता ? कैसा राष्ट्रपिता ?राष्ट्रपिता का क्या मतलब होता है ? क्या इस पर हमने कभी विचार किया ?  नहीं ! मुझे क्या पड़ी है । क्या भारत को महात्मा गांधी ने बनाया ? नहीं ! क्या भारत की स्थापना 1947 में हुई ? नहीं ! भारत का इतिहास 5000 वर्ष से भी पुराना है । अरे !  देश ने 'महाराज भरत' को भी राष्ट्रपिता नहीं कहा । जिनके नाम पर आर्यावर्त को भारत कहा गया है । फिर गांधी को क्यू कहे राष्ट्रपिता ? भारत की आज़ादी में बलिदान हुए है, नहीं ! जब सभी क्रांतिकारी वीर सपूत है । तो फिर  कैसे गांधी राष्ट्रपिता ? जिस दिन इन सब सवालों का जवाब मिल जाएगा । फिर भारत कभी गुलाम न होगा । सदियों तक कोई देशद्रोही इस मिट्टी से पैदा नहीं लेंगे ।
कहते हैं - काले अंग्रेजों से आज भी यह देश घिरा हुआ है  । क्योंकि सावरकर जैसे सूर्य को इस देश ने कभी जाना है ।
                            स्वयं विचार करें
  •                                                             जितेश सिंह

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