जितेश कुमार
बाहर निकलना मुश्किल है
लू चल रही है
लोग बेहाल है गर्मी से
शहरों में पानी की कमी है
और तुम आधे घंटे से नहा रही हैं
एक पक्षी छत पर गिरा है प्यासा
पाथिक प्यासा भटक रहा हैं
एक बूंद पानी आसमान से गिरे
इस आस में धरती जी रही..
और तुम आधे घंटे से नहा....
झरना खोले पानी बहा रही है
धरती की प्यास समझ नहीं पा रही
अनमोल जल व्यर्थ बहा रही
फेसबुक पर जल बचाओ
अभियान चला रही हैं
खुद आधे घंटे से नहा नहीं..
लगता है चुनाव लड़ने जा रहे हैं
वादे के विपरीत हैं इरादे
तभी तो सेव वाटर चिल्ला रही
और आधे घंटे से नहा रही..
बाहर निकलना मुश्किल है
लू चल रही है
लोग बेहाल है गर्मी से
शहरों में पानी की कमी है
और तुम आधे घंटे से नहा रही हैं
एक पक्षी छत पर गिरा है प्यासा
पाथिक प्यासा भटक रहा हैं
एक बूंद पानी आसमान से गिरे
इस आस में धरती जी रही..
और तुम आधे घंटे से नहा....
झरना खोले पानी बहा रही है
धरती की प्यास समझ नहीं पा रही
अनमोल जल व्यर्थ बहा रही
फेसबुक पर जल बचाओ
अभियान चला रही हैं
खुद आधे घंटे से नहा नहीं..
लगता है चुनाव लड़ने जा रहे हैं
वादे के विपरीत हैं इरादे
तभी तो सेव वाटर चिल्ला रही
और आधे घंटे से नहा रही..