प्रशासन और परिजन कर्तव्यनिष्ठ रहे, विधार्थी हित के प्रति आपकी सजकता भविष्य निर्माण में अहम भुमिका निभाएगी|
फरवरी 2019 में होने वाली 12वीं और 10वीं की परीक्षा को लेकर बिहार शिक्षा मंडल गंभीर है| पूरी तरह कमर कस चुकी हैं| शासन और प्रशासन को शख्त हिदायत है कि परीक्षा में किसी प्रकार की नकल बर्दाश्त नहीं की जाएगी| परीक्षा में कदाचारी नहीं चलेगी| पिछले कुछ वर्षों से नकल जैसी कुप्रथा से ग्रसित प्रदेश में, नकल नहीं होगी| परीक्षा में किसी प्रकार की पैरवी और नकल की गुंजाइश नहीं है| बीते
वर्षों में जिस तरह से मीडिया ने परीक्षा व्यवस्था को लेकर,परिक्षा केन्द्र पर हो रहे नकल और टॉपर घोटालेके कई मामले उजागर किए| शासन और प्रशासन के मिलीभगत का मामला प्रकाश में आया है| इससे बिहार की शिक्षा व्यवस्था को देश-विदेश में आलोचनाएं भुगतनी पड़ी है| शिक्षा के प्रति बिहार की निष्क्रियता को लेकर सतत् आलोचनाएं और रिपोर्ट लेखे गये| शायद उसी का परिणाम है,कि फरवरी 2019 में होने वाली 12वीं और 10वीं की परीक्षा शांति और कदाचारमुक्त हो ऐसा आश्वाशन दिया जा रहा है| आपको बता दे, बिहार में 12 वीं की परीक्षा 6 फरवरी से शुरू होने वाली है लेकिन प्रशासन अभी से एक्शन मुंड में है| वही 10वीं की परिक्षा 21 फरवरी से होगी| अब देखना है कि कैसे परीक्षा केंद्र पर नक़ल और प्रश्न पत्र का परीक्षा से पहले जो बेच-खरोच होता है; उससे निपटने के क्या उपाय किये गए है? वही कई परिजन भी अपने बच्चों को नक़ल करने के लिए परीक्षा केंद्र पर गिद्ध की तरह मंडराते रहते है| ऐसे में विगत कुछ सालों से धारा 144 का सहारा लिया जा रहा है| लेकिन वैशाली,छपड़ा,हाजीपुर, शिवहर,मधुबनी, बक्सर, मुजफ्फरपुर, सासाराम, दरभंगा, गोपालगंज और तमान सीमावर्ती और पिछड़े इलाको में धारा 144 भी लाचार नजर आते है| देखा जाए तो बिहार के परीक्षा में नक़ल हो या प्रश्न पत्र आउट की कुप्रथा इसमें शासन और प्रशासन के संपर्क में रहते वाले लोग होते है| ऐसे में भ्रष्ट शासन और घूसखोर प्रशासन ही है जो परीक्षा में हो रहे नक़ल और प्रश्न पत्र के आउट होने की मुख्य वजह है| होने वाले परीक्षा में देखना है की 'अबकी बार, नक़ल मुक्त परीक्षा' बिहार के सुशासन बाबू श्री नितीश कुमार करवा पाते है कि यह भी यह जुमला है|' इधर परीक्षार्थियों को परीक्षा को लेकर आस्था बरतनी चाहिए| नक़ल और ताका-झांकी के बदले यथा संभव अपने विवेक से ही प्रश्नों के उत्तर लिखने के प्रयास हो| मैं नक़ल नहीं करूंगा - 'ऐसे संकल्प के साथ परीक्षा दे|' कुछ छात्र और परिजन भययुक्त भी होते है| लेकिन शांति व्यवस्था और कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर छात्रों के चेहरे पर संतोष का भाव भी होता है| तो कई तरह की काना-फुसी अफवाहों से कुछ विद्यार्थियों के चेहरे पर भय की लकीर भी| परंतु हताश और डरने की आवश्यकता नहीं|अवांछित गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन है| विद्यार्थोयों को भयमुक्त होकर परीक्षा देना चाहिए| परीक्षा में किसी प्रकार की बाधाएं नहीं हो, इस कारण प्रशासन की ठाठ-बाठ होगी और विगत कुछ वर्षो से है| विद्यार्थी हित के प्रति शासन-प्रशासन पूर्णतः जवाबदेही रहेगी| परीक्षार्थियों के परिजनों को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता हैं| परिजनों को प्रशासनिक व्यवस्था में पूर्ण सहयोग करना चाहिए| समय पर अपने बच्चों को परीक्षा केंद्र पहुंचाए| यातायात के नियमों का पालन करें| बच्चों से नकारात्मक सवाल ना करें| बच्चो को खुशी और शांति का वातावरण दें,ताकि वो आनंदित रहे| उन्हें परिक्षा के प्रति उत्साहित करें| उनमें परिक्षा को लेकर उत्पन्न अपवाहो को दुर करने का प्रयास करे| परीक्षार्थी भी परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र को कम से कम तीन बार सावधानी से पढ़े| पहले उपस्थित प्रश्न का उत्तर ना देकर,आपको सटीक याद है उसी प्रश्न का उत्तर दे| आसपास के ताक-झांक से बचें| किसी प्रकार की नकल ना करें| अवांछित सामग्री जैसे-मोबाइल,संगणक और विशेषत: कागज के किसी प्रकार के टुकड़ा अपने पास ना रखें, जिससे आप पर संदेह किया जा सके| अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर दें| यथासंभव अपने शब्दों में जवाब दें| छोटे और शुद्ध वाक्य लिखें| परीक्षा केंद्र में जाने से पूर्व आवश्यक सामग्री प्रवेश पत्र, कलम, आदि साथ रखें| व्यवस्था के अनुरुप व्यवहार करें| आज से एक विजन कि तरह परीक्षा में जुट जाये|