देश भर में वीर सौनिकों के शहादत में मोमबत्ती जलाकर लोगों ने पैदल चलकर सरकार के कन्धे को मजबुत किया है| हम इस आत्मविश्वास के साथ सरकार और सेना के साथ खड़े है कि आतंकिस्तान के इस कायराना हमले का सरकार मूंहतोड़ जवाब दे| भारत में पनप रहे आतंकी को खोज-खोज कर मारे| वर्तमान में हुये इस कायराना हमला के सीख ले| काश्मीर में जन्मे पाकिस्तान परस्त अलगाववादी और पत्थरबाज को भी किसी प्रकार के राजनीति लोलुपता और मानवाधिकार के चक्कर में माफ ना करे| ऐसे देशभ्रष्ट्रों को चुन-चुन कर मारे|समुचे काश्मीर में सेना को पुरी छुट दे दे| ताकि वहां एक भी देशद्रोही फन फैलाये तो उसके फन को सख्ती से देश की सेना कुचल दे| पुरे भारत में भी वाम विचार और नक्शलवाद ते प्रति मोर्चा खोले| बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल जैसे राज्यों में इन पर नकेल कसा जाना जरूरी है| देश वर्तमान में आंतरिक देशद्रोहियों के कारण कुरूक्षेत्र का मैदान बना पड़ा है| अब विकास नहीं, देश को कैंसर जैसे आतंकवाद, नक्शलवाद, भ्रष्टाचार के विरुद्ध, मोदी को अर्जून के सरिखे युद्ध क्षेत्र में अस्त्र के साथ उतना होगा| पहले देश के कुत्तों को मारो| फिर विकास स्थायी और सर्वांगी संभव है|
इसी कड़ी में काश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरूद्ध सरैया प्रखंड के अम्बारा चौक पर दुकानदारों और ग्रामीणों ने कैण्डल मार्च निकाला| इस कैण्डेल मार्च के दौरान तमान राष्ट्रभक्तों ने अपने वीर सैनिकों को नमन किया| उनके शहादत पर नम्रतापूर्वक जहां कैण्डल मार्च निकाला वही पाक के नापाक हरकत पर इमरान खान का पुतला दहन किया| सरकार को हर संभव सहयोग करने का भरोसा देते हुए आतंकिस्तान पर हमला करने के लिए भी संदेश दिया| कैण्डेल मार्च का नेतृत्व सुनील कुमार ठाकुर ने किया व मार्च में गणिनाथ सहनी, चिदान्नदान्द द्विवेदी, जितेश कुमार, रत्नेश कुमार, चन्द्रकिशोर साह, सुदामा चौहान, अमरनाथ चौधरी, अवधेश ठाकुर, रितेश कुमार, फुदन पाठक, संतोष चौधरी,राजीव, संजय कुमार, विरेन्द्र राय, सुरेन्द्र साह, जगदेव सहनी, अभिजित, अनुज, राजीव कुमार, अनीश कुमार, आकाश कुमार, रंजीत पंडित, उमेश कुमार सिंह, कुणाल कुमार, सब्बलू कुमार, विनोद कुमार, सोनु कुमार अन्य सौकड़ो शामिल थे|