शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

एक शाम वीर सैनिकों के नाम

देश भर में वीर सौनिकों के शहादत में मोमबत्ती जलाकर लोगों ने पैदल चलकर सरकार के कन्धे को मजबुत किया है| हम इस आत्मविश्वास के साथ सरकार और सेना के साथ खड़े है कि आतंकिस्तान के इस कायराना हमले का सरकार मूंहतोड़ जवाब दे| भारत में पनप रहे आतंकी को खोज-खोज कर मारे| वर्तमान में हुये इस कायराना हमला के सीख ले| काश्मीर में जन्मे पाकिस्तान परस्त अलगाववादी और पत्थरबाज को भी किसी प्रकार के राजनीति लोलुपता और मानवाधिकार के चक्कर में माफ ना करे| ऐसे देशभ्रष्ट्रों को चुन-चुन कर मारे|समुचे काश्मीर में सेना को पुरी छुट दे दे| ताकि वहां एक भी देशद्रोही फन फैलाये तो उसके फन को सख्ती से देश की सेना कुचल दे| पुरे भारत में भी वाम विचार और नक्शलवाद ते प्रति मोर्चा खोले| बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल जैसे राज्यों में इन पर नकेल कसा जाना जरूरी है| देश वर्तमान में आंतरिक देशद्रोहियों के कारण कुरूक्षेत्र का मैदान बना पड़ा है| अब विकास नहीं, देश को कैंसर जैसे आतंकवाद, नक्शलवाद, भ्रष्टाचार के विरुद्ध, मोदी को अर्जून के सरिखे युद्ध क्षेत्र में अस्त्र के साथ उतना होगा| पहले देश के कुत्तों को मारो| फिर विकास स्थायी और सर्वांगी संभव है|
इसी कड़ी में काश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरूद्ध  सरैया प्रखंड के अम्बारा चौक पर दुकानदारों और ग्रामीणों ने कैण्डल मार्च निकाला| इस कैण्डेल मार्च के दौरान तमान राष्ट्रभक्तों ने अपने वीर सैनिकों को नमन किया| उनके शहादत पर नम्रतापूर्वक जहां कैण्डल मार्च निकाला वही पाक के नापाक हरकत पर इमरान खान का पुतला दहन किया| सरकार को हर संभव सहयोग करने का भरोसा देते हुए आतंकिस्तान पर हमला करने के लिए भी संदेश दिया| कैण्डेल मार्च का नेतृत्व सुनील कुमार ठाकुर ने किया व मार्च में गणिनाथ सहनी, चिदान्नदान्द द्विवेदी, जितेश कुमार, रत्नेश कुमार, चन्द्रकिशोर साह, सुदामा चौहान, अमरनाथ चौधरी, अवधेश ठाकुर, रितेश कुमार, फुदन पाठक, संतोष चौधरी,राजीव, संजय कुमार, विरेन्द्र राय, सुरेन्द्र साह,  जगदेव सहनी, अभिजित, अनुज, राजीव कुमार, अनीश कुमार, आकाश कुमार, रंजीत पंडित, उमेश कुमार सिंह, कुणाल कुमार, सब्बलू कुमार, विनोद कुमार, सोनु कुमार अन्य सौकड़ो शामिल थे| 


शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019

3rd डिग्री नवजीत सिहं सिद्धू और अय्यर को दो

देश भुला नहीं है कॉग्रेस के दोनों नेताओं को मणिशंकर

  • अय्यर और नवजीत सिंह सिद्धू| जिन्होंने पाकिस्तान जाकर, पाक को शांति प्रिय देश और भारतीय सेना को उग्र बताया था| अय्यर ने तो यहां तक कहा था कि भारत से ज्यादा प्यार मुझे पाकिस्तान ने मिला है| कल जो घटना घटी है काश्मिर घाटी में उसकी जवाबदेही और पुर्व सुचना किसी भारतीय के पास होना हो तो हम जनता के लोग सरकार, प्रशासन और सेना को कहेंगे कॉग्रेस के दोनों

नेता को गिरफ्तार करो और 3rd डीग्री दो सच खुद-ब-खुद बाहर आ जायेगा|मणिशंकर अय्यर पहले से ही पाकिस्तान का लाडला है और वर्तमान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने क्रिकेटर इमरान खान से नवजीत सिंह का रिस्ता बहुत ही चर्चित है| गर पाकिस्तान इस आतंकी साजिश में जिम्मेदार है तो सिद्धू और अय्यर क्यू नहीं! 
इस लिए आतंकवाद से लड़ाई होनी है तो महाभारत के उस श्लोक को आत्मसात करना होगा| जिसका अर्थ यह कहता है जिसे राष्ट्र प्यारा ना हो, वह कितना भी अपना क्यू ना हो, उसे दुश्मन की तरह त्याग देना चाहिए| आज पाकिस्तान से इस कायराना हमला के जवाबी करवाई में उन हाथों को भी काट कर फेंकने का समय आ गया है जो आतंकिस्तान के गुण गाते थे| जो भारतीय सेना पर ही आरोप लगाते थे| ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पकड़कर 3rd डीग्री दो|
जरूर पाकिस्तान परस्त नेताओं से इस घटना के कुछ साबुत मिल सकते है| हमें इस कायराना हमला का मुंहतोड़ जवाब देना है तो उस हाथ को कटना जरूरी हो जाता है जो पाक के लिए, पाक के पक्ष में उठते रहे है जो भारतीय सेना के विरोध में उठे, जो काश्मीर में पत्थरबाज और उसके समर्थन के रूप में उठे है| पकड़ो सिद्धू को और अय्यर को दो 3rd डीग्री| हम जनता के लोग चाहते है कि बदला लेने़ से पहले घर के बैरी को समाप्त करो| खोज-खोज के मारो|
कल के इस आतंकी हमला का जिम्मेदार कौन है? इस प्रश्न को देश के जनता को सोचना और समझना पड़ेगा| आखिर कीड़े-मकोड़े के समान दिखने वाला पाकिस्तान हम पर बार-बार आक्रमण क्यू करता है? इसके पीछे यह भी एक सत्य है की कोई भी स्थान पर किसी कायराना हमला को अंजाम देना हो| तभी सफल होगा जब वहां के लोग दुश्मन के दोस्त और राष्ट्र के गद्दार होंगे| भारत में बार-बार जिस तरह से आतंकी हमला होता आया है, इसके भी पीछे काश्मीरियों का हाथ है कोई बंदूक तो, कोई गोला बारूद, तो कोई उनको रहने और फुल प्लानिंग करने के लिए स्थान दिये होंगे, तो कोई पाकिस्तान के पक्ष में अपने छद्म राष्ट्रवाद के नाते उसको सहयोग पहूंचाया है तभी उसका हौसला इतना बढ़ा है|

शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019

फर्जी गाँधी परिवार के आये बुरे दिन - जितेश कुमार

Image result for robert vadra chor damad for congressपहले से सोनिया और राहुल बेल-गाड़ी पर सवार है| नेशनल हैराल्ड घोटाले में मुख्य आरोपी रहे सोनिया और राहुल गिरफ्तारी से बचने के लिए मुचलके पर देश भर में धूम रहे| भ्रष्ट्राचार और संविधान बचाओ के लिए जनमत एकत्रित कर रहे है| किसी तरह नरेंद्र मोदी के विरुद्ध खड़े होने का प्रयास कर रहे है, लेकिन राहुल के असफल राजनीति और ओछी सोच ने कांग्रेस का बुरा हाल किये हुए है| उसके बाद यह तो तय है,राहुल बुरी तरह फ़ैल घोषित कर दिए गए है| देखा जाए तो कुछ गाँधी परिवार से धरोहर रहे मीडिया संस्थान ने भी राहुल को लोकप्रिय बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी| लेकिन राहुल पंडित देश के वृत्तमंत्री का भी नाम भूल गए और उनका दिल टूट गया| राहुल को बहुत बड़े चिंतक और थिंक टैंक के रूप में प्रस्तुत करने के लिए देश के कुछ चाटुकारों ने भी प्रयास की| उनमें सबसे पहले पंक्ति के पत्रकार राजदीप सरदेसाई है जिन्होंने २०१४ के लोकसभा चुनाव पर एक पुस्तक लिखी| जिसमें राहुल को एक बड़े चिंतक के रूप में बताने में देरी नहीं की| इसके बाबजूद सोशल मीडिया पर जो आम जनता और युवाओं का एक विशाल फ़ौज है राहुल को पप्पू ही मनाता रहा| राहुल के भाषण से कुछ अंश सोशल मीडिया पर वायरल कर उनके पप्पू होने का सबूत दिया है| जिससे बाद कांग्रेस भी एक्शन मूड में आयी है तभी तो प्रियंका वाड्रा को लायी है| कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव बनी प्रियंका वाड्रा जिनके पति १ लाख रुपये से ३०० करोड़ मात्र ३ साल में कमाये है वह भी अपनी मेहनत से और दूसरी बात बिचौलिया बन कर| जब इतना बड़ा गरीबी दूर करने का फॉर्मूला था इसके पास तो किसान कर्ज माफ़ी का ड्रामा क्यों? १ लाख से ३०० करोड़ कमाने का फॉर्मूला ही बता देते|   
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कल यही फॉर्मूला की जानकारी प्राप्त करने के लिए ईडी के अधिकारीयों ने जब उनको बुलाया तो देश के कुछ चाटुकार पत्रकार बिलबिला उठे| जी हाँ मैं रवीश कुमार की बात कर रहा हूँ| बड़े होनहार और बेबाक पत्रकार है| उनके चिल्लाने से भी कुछ होने वाला नहीं है देश का मूड बना गया है भ्रष्ट्राचार पर चोट करो| ईडी के अधिकारीयों ने भ्रष्ट्राचार में लिप्त सोनिया गाँधी के दामाद से कल प्रवर्तक निर्देशालय बुलाकर पूछताछ की| जिसमें कई सबूत ईडी के अधिकारीयों ने रॉबट वाड्रा के सामने रखे और इस पर उनकी सफाई मांगी| सवालों को देखकर उनका घबरा जाना और मीडिया में उनके चेहरा को देख कर जहाँ भ्रष्टाचारी नेता सदमे में है वही हम जनता के लोग राहत महसूस कर रहे|  

सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

पदम श्री से सम्मानित किसान चाची - जितेश कुमार

मेधावी और समर्पिता राजकुमारी देवी को आज पूरा देश किसान चाची के नाम से जनता है| एक नजर किसान चाची  के जीवन संधर्ष पर डाले तो राजकुमारी देवी से किसान चाची का सफर आसान नहीं था| आज से लगभग ४० साल पहले एक नई-नवेली दुल्हन राजकुमारी देवी की आनन्दपुर में शादी हुई| मुजफ्फरपुर, सरैया प्रखड के निकट बसा आनन्दपुर भले ही किसान चाची के लिए ससुराल था, लेकिन
उन्होंने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया| जहाँ आज भी देश के ग्रामीण क्षेत्र में बहू घूँघट तक नहीं उठाती है| उन्हेंको घर के रसोई के अलावे कुछ भी करना मना ही होता है| ऐसे में आज से ४० वर्ष पहले किसान चाची के सामने भी कुछ इसी प्रकार की चुनैतियाँ थी| इसके बावजूद उन्होंने समाज के बीच अपनी अलग पहचान बनाई| कहते है ना - 'जो लोग धारा के विपरीत चलते है, वही इतिहास रचते है|' जीवन के रोजमर्रा में आने वाली तमाम अफवाहों की प्रवाह किये बिना किसान चाची अपने हौसले और अदम्य साहस के बल पर बढाती 
ही | उनसे बातचीत में मालूम पड़ा कि उस समय बाज़ार तो दूर बहू घर के बाहर या दरवाजा के चौखट पर पांव रखे तो राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है| ऐसे में सांस और बहू के बीच भारत -पाकिस्तान सीमा बिवाद छिड़ जाता था| वो आनंदपुर से बाहर बाजार में साईकिल चला कर सब्जी और घर के सामान लाने जाती थी| खेतीबाड़ी में नुपूर्ण और कई प्रकार के आचार को बनाने के कला की शौखिन राजकुमारी देवी अपने प्रयासों से लोगों के बीच सराहे जाने लगी| उन्होंने अपने पीहर के खेतीबाड़ी का भी भार अपने सर  लिया और कृषि में जुट गयी| यही से शुरू हुआ राजकुमारी देवी से किसान चाची का नाम| किसान चाची आस-पास के तमाम महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गयी| ऐसे में राज्य और भारत सरकार की भी नजर उन पर पड़ी| उन्हें उनके अदम्य साहस और महिलाओं को उन्होंने जो स्व-विकास के रास्ते दिखाए है, उसके लिए कई बार पुरस्कृत किया गया है| बिहार सरकार ने उन्हे जहाँ किसान श्री से पुरस्कृत किया वही हाल में भारत सरकार ने किसान चाची को पद्म श्री के लिए नामित किया है| किसान चाची रजत शर्मा की पॉपुलर शो आप की अदालत में भी पहुंची| कौन बनेगा करोड़पति शो में भी अमता बच्चन ने उनकी खूब प्रशंसा की| देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी उनका आह्वान किया| आज देश दुनिया में बिहार के तमाम महिलाओं के उत्प्रेरक के रूप में पद्म श्री से सम्मानित राजकुमारी देवी सबकी किसान चाची है| जिन्होंने ने अँधेरा से लड़ा नहीं, कुप्रथा से कोई लड़ाई और युद्ध नहीं की; बस एक सकारात्मकता की दीपक जला कर समाज को प्रकाशित किया है| देश और बिहार को हमारी किसान चाची पर गर्व है|
                  

शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

लव स्टोरी: हम फिरसे स्कूल में पढ़ सकते है? - जितेश कुमार

आज बहुत दिन बाद जब तुमको देखा, तो तुमसें बाते करने का दिल कर रहा था| कितना कुछ बोलने का मन था| लेकिन अब मेरे लिए तेरे पास वक्त ही नहीं होगा यह सोच कर मौन हो गई| एक समय वो था जब तुम मेरे आगे-पीछे धूमते थे| हर बार ऐसा कुछ करते थे जिससे मेरा ध्यान तुम्हारे ऊपर जाये| आज जब आखों के सामने से गुजरते हो तो कुछ बोलने और सोचने का सवाल ही नहीं था| लेकिन जो मेरे मन में सवाल का बवंडर उठ रहा था| उसकी क्या कहानी होगी? हम तो तुमको इसलिए सताते थे ना, तुम मुझे परेशान करते थे| शायद नोंक-झोक हमारे बीच बहुत बार हुआ, बार-बार हुआ पर कभी तुमने ऐसा कुछ नहीं किया होगा जिससे मुझे ख़ुशी मिले| हर बार मुझे चिढ़ाते रहते थे| दोस्तों के बीच मेरी हंसी उड़ाते थे| कभी-कभी तो मन करता था तुम्हारा मुंहनोच लू| पर ऐसा भी कभी मौका नहीं मिला| एक बार तुम मेरे बेंच पर चप्पल से गन्दा लगा दिए थे याद है तुमको| उस समय मन किया तुम्हारा गला दबा दे| कितना मुझे तंग करते थे? 
आज ऐसे कोई तंग नहीं करता है, तुम आओगे तंग करने बोलो| छोड़ों क्या आओगे? तुमने तो हमेशा मुझे तड़पाने का ही काम किया है चाहे तब हो या अब| 
शायद मैं इतना कुछ ना तब बोल पायी, ना अब| इसलिए यह पत्र लिख रही हूँ क्या हम फिरसे स्कूल में पढ़ सकते है?
भाषा तो तुम्हारी थी पर लिखा मैंने इसे| तुम सच में मुझे सोचती हो, एक संकेत तो दो| क्या मैं आज भी                                                   जिन्दा हूँ तेरे दिल में|

                                        "तुम आओ ना, फिरसे स्कूल में|
                                             तुम बैठना अपनी जगह 
                                               मैं बैठूंगा अपनी जगह|"     

कांग्रेस की निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में भारी गिरावट के पूर्वानुमान

भविष्य में क्या होंगी, मैं नहीं जनता हूँ |  इस दौर में बहुत लोग अभिव्यक्ति की आजादी का अलाप जप रहे है |  तो मुझे भी संविधान के धारा  19  क...