यह शंखनाद है , भारत के पुनरुत्थान का ।।
तलवार, बंदूक हमारा क्या उखाड़ लेगी ?
जब तुम्हारी तोप चलते हो तो,
हम अपनी कलम उठाते है । ।
अरे ! आज भी हम बीच सड़क पर ।
'भारत माता की जयकार' और,
वंदे मातरम' का नारा लगाते हैं । ।
हौंसले इतने बुलंद है हमारे ।
अभी तो हमने कलम ही पकड़ी
और क्रांति की आंधी बहाने लगी । ।
वह दिन दूर नही जब ।
पूरा भारत भगवामय हो जाएगा ।।
देश के गद्दार बेमौत मारे जाएंगे ।
उन्हें समग्र विश्व में कहीं नहीं शरण मिलेगा । ।
अभी तो हमने कलम उठाई है ।
भारत की लड़ाई अभी बाकी है !
कश्मीर का इंतकाम अभी बाकी है !
केरल की लड़ाई अभी बाकी है !
बंगाल की लड़ाई अभी बाकी है !
बाकी है ! तमाम देशद्रोहियों से बदला लेना ।
ओवैसी से राष्ट्रगान गवाना अभी बाकी है !
तमाम मौलवियों से भारत मां की जयकार लगवाना अभी बाकी है !
गौ माता के हत्यारों को सजा देना अभी बाकी है । ।
अभी तो हमने उठाई है कलम ।
तलवार उठाना अभी बाकी है ।।
जिस दिन हम संकल्पित हो गए ।
लाखों अर्जुन खड़े हो जाएंगे । ।
पूरा भारत कुरुक्षेत्र बन जाएगा ,
देशद्रोहियों का विध्वंस, विनाश इस कदर होगा ।
1000 सालों तक देशद्रोही पैदा नहीं लेंगे ।
भारत फिर कभी गुलाम नहीं होगा । ।
जितेश सिंह
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