पंजाब में शेरों के घर ,
एक शेर ने पैदा लिया ।
3 वर्ष की आयु में जो ,
बंदूक की खेती करता था
अस्त्र-शस्त्र बम बनाने के ।
विधाओं से जो से परिचित था ।
असेंबली में बम फेंक कर जिसने
इंकलाब का नारा दिया ।
भागने के बजाए गिरफ्तार होकर
जिसने जन सैलाब का नारा दिया
52 दिन भूख हड़ताल कर
जिसने अंग्रेजो के होश उड़ा डाले
फांसी के फंदे को जिसने
चूमकर स्वीकार किया
रंग दे बसंती चोला कि
जिसने आजीवन गुणगान किया ।
अहिंसा से आजादी नहीं मिली ।
जब भगत सिंह जैसे वीरों ने ,
जीवन का बलिदान दिया ।
मां भारती के भी धन्य हो गई
इस वीर पुत्र को जन्म देकर
आइए हम सभी भी
हृदय से उनका नमन करें ।।
भगत सिंह के जन्म दिवस पर उनको सत-सत नमन !
जितेश सिंह
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