शनिवार, 30 सितंबर 2017

और अंत मे सत्य ही जीता। !

और अंत मे सत्य ही जीता।
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और अंत में सत्य ही जीता
झूठ की हुई हार
क्रोध पर आनंद जीता
अहंकार पर विनम्रता का प्रहार।

ईर्ष्या पर स्नेह की विजय
घृणा पर प्रेम की जीत
आलस्य से स्फूर्ति आगे
वैमनस्यता से ऊपर है प्रीत।

अंधकार कुछ और नही
प्रकाश का अभाव है,
हठ करके सत्य को नकारना
यही राम-रावण का युद्ध है
और यही विजयदशमी का
सत्य सनातन त्योहार है।

इन्ही सत्य शुभकामनाओं के साथ विजय पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।

        - गणिनाथ सहनी, (मुजफ्फरपुर , बिहार)

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