दिपावली - दापावली मनाई जाती है क्योंकि उस दिन राम जी 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे ।
होली - भक्त पहलाद होलिका की अग्नि से बच गए थे और उन्हें भगवान नया जीवन दिया ।
दुर्गा पूजा - दुर्गा पूजा मनाई जाती है क्योंकि उस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था ।
मुस्लिमों के किसी भी पर्व के पीछे की कोई कहानी या कारण जानते हो । नहीं ना !
क्योंकि मुस्लिम खुद भी नहीं जानते ।
आइए हम कुछ पर्वों के पीछे की कहानी जाने ।
शबे बरात- शाबे बारात मनाया जाता है क्योंकि उस दिन मोहम्मद ने अपनी 6 साल की बेटी से निकाह किया था ।
रोजा - रोजा रखा जाता है क्योंकि मोहम्मद अपनी बेटी उर्फ पत्नी आयशा को सुहागरात के लिए राजी ना होने के कारण दंड स्वरुप उसे सिर्फ एक समय का खाना देता था । इसलिए मुस्लिम आयशा के समर्थन या साथ देने हेतु रोजा रखते हैं ।
ईद ईद मनाई जाती है क्योंकि उस दिन 1 महीने में भूख और प्यास से बेहात आयशा आखिर अपनी पिता उर्फ पति मोहम्मद की बात मानकर सुहागरात के लिए तैयार हो गई ।यह घटना दुज को हुई थी इसलिए मुस्लिम इसे दूज का चांद देखना अर्थात चांद का मतलब यहां आयशा से है क्योंकि आयशा बेहद खूबसूरत थी और मासूम ! बिल्कुल चांद की तरह.....
जितेश सिंह
होली - भक्त पहलाद होलिका की अग्नि से बच गए थे और उन्हें भगवान नया जीवन दिया ।
दुर्गा पूजा - दुर्गा पूजा मनाई जाती है क्योंकि उस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था ।
मुस्लिमों के किसी भी पर्व के पीछे की कोई कहानी या कारण जानते हो । नहीं ना !
क्योंकि मुस्लिम खुद भी नहीं जानते ।
आइए हम कुछ पर्वों के पीछे की कहानी जाने ।
शबे बरात- शाबे बारात मनाया जाता है क्योंकि उस दिन मोहम्मद ने अपनी 6 साल की बेटी से निकाह किया था ।
रोजा - रोजा रखा जाता है क्योंकि मोहम्मद अपनी बेटी उर्फ पत्नी आयशा को सुहागरात के लिए राजी ना होने के कारण दंड स्वरुप उसे सिर्फ एक समय का खाना देता था । इसलिए मुस्लिम आयशा के समर्थन या साथ देने हेतु रोजा रखते हैं ।
ईद ईद मनाई जाती है क्योंकि उस दिन 1 महीने में भूख और प्यास से बेहात आयशा आखिर अपनी पिता उर्फ पति मोहम्मद की बात मानकर सुहागरात के लिए तैयार हो गई ।यह घटना दुज को हुई थी इसलिए मुस्लिम इसे दूज का चांद देखना अर्थात चांद का मतलब यहां आयशा से है क्योंकि आयशा बेहद खूबसूरत थी और मासूम ! बिल्कुल चांद की तरह.....
जितेश सिंह
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