शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,वर्ग गीत
स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना, जाग उठी हूंकार ।
भूमंडल पर भारत मां की, होगी जय जयकारा ।।ध्रू०।।
                                      होगी जय जयकार --४
तेजोमय शक्ति के साधक, स्त्तवगुणों के है आराधक--२
संयम धारे चले निरंतर, शुभ आचार- विचार ।।१।।
                                    होगी जय जयकार--४
कदम कदम से कदम मिलाएँ,हृदय हृदय में स्नेह जगाएँ--२
संकट सारे ध्वस्त करेगा,राष्ट्र भक्ति का ज्वार ।।२।।
                                   होगी जय जयकार--४
ऋषि मुनियों की अनुपम थाती, अपने रग- रग में लहराती--२
सदा बही है, सदा बहगी, सत्य सनातन धार।।३।।
                                   होगी जय जयकार--४
सधे स्वरों से अर्चन करते, ध्येयनिष्ठ अपने डग भरते--२
देश की रक्षा धर्म हमारा, इस पर तन मन वार।।४।।
                                 होगी जय जयकार --४
   जितेश सिंह
                               

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कांग्रेस की निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में भारी गिरावट के पूर्वानुमान

भविष्य में क्या होंगी, मैं नहीं जनता हूँ |  इस दौर में बहुत लोग अभिव्यक्ति की आजादी का अलाप जप रहे है |  तो मुझे भी संविधान के धारा  19  क...