राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,वर्ग गीत
स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना, जाग उठी हूंकार ।
भूमंडल पर भारत मां की, होगी जय जयकारा ।।ध्रू०।।
होगी जय जयकार --४
तेजोमय शक्ति के साधक, स्त्तवगुणों के है आराधक--२
संयम धारे चले निरंतर, शुभ आचार- विचार ।।१।।
होगी जय जयकार--४
कदम कदम से कदम मिलाएँ,हृदय हृदय में स्नेह जगाएँ--२
संकट सारे ध्वस्त करेगा,राष्ट्र भक्ति का ज्वार ।।२।।
होगी जय जयकार--४
ऋषि मुनियों की अनुपम थाती, अपने रग- रग में लहराती--२
सदा बही है, सदा बहगी, सत्य सनातन धार।।३।।
होगी जय जयकार--४
सधे स्वरों से अर्चन करते, ध्येयनिष्ठ अपने डग भरते--२
देश की रक्षा धर्म हमारा, इस पर तन मन वार।।४।।
होगी जय जयकार --४
जितेश सिंह
स्वर निनाद से राष्ट्रगर्जना, जाग उठी हूंकार ।
भूमंडल पर भारत मां की, होगी जय जयकारा ।।ध्रू०।।
होगी जय जयकार --४
तेजोमय शक्ति के साधक, स्त्तवगुणों के है आराधक--२
संयम धारे चले निरंतर, शुभ आचार- विचार ।।१।।
होगी जय जयकार--४
कदम कदम से कदम मिलाएँ,हृदय हृदय में स्नेह जगाएँ--२
संकट सारे ध्वस्त करेगा,राष्ट्र भक्ति का ज्वार ।।२।।
होगी जय जयकार--४
ऋषि मुनियों की अनुपम थाती, अपने रग- रग में लहराती--२
सदा बही है, सदा बहगी, सत्य सनातन धार।।३।।
होगी जय जयकार--४
सधे स्वरों से अर्चन करते, ध्येयनिष्ठ अपने डग भरते--२
देश की रक्षा धर्म हमारा, इस पर तन मन वार।।४।।
होगी जय जयकार --४
जितेश सिंह
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