मां दुर्गा के चरणों में,
हम सब शीश झुकाते हैं ।
आह्वान करें उस शक्ति का,
जो महिषासुर को मारी थी ।
आज !
पुष्प समर्पित करके मां को,
हम मन को पावन करते हैं ।
जन कल्याण की भावना से,
हम मां की उपासना करते हैं ।
हृदय परिवर्तन हो मां मेरा,
तू पत्थर को मोम बना देना ।
मैं हर बाला में तुझे पाऊ,
नित-दिन नवरात्र त्यौहार करू ।
कभी शत्रु ना आंख दिखा पाए,
मेरी पवित्र बहनों को मां ।
अब हर पुरुष में पुरुषार्थ जगाओ,
द्वेष बुद्धि का विनाश करो ।
मां दे, उसे इतनी शक्ति ,
वो अत्याचार का विरोध करें ......
जितेश सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें