गुरुवार, 21 सितंबर 2017

JNU एक बार फिर विवादों में ! ( जितेश सिंह)


नई दिल्ली । जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद ने । भाजपा के सभी नेताओं को रंडीबाज कहा । इसके विरोध में अभिनेता अभिजीत ने  कहा - "ऐसी अफवाह फ़ैल रही है ।  शहला रशीद के ग्राहक से । 2 घंटे के लिए एडवांस पैसे लेकर । लेकिन उसे संतुष्ट नहीं कर पाए । प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने अभिजीत को गालियां बकने वाला सांप्रदायिक ठग बताया ।
   JNU छात्रा पूर्व अध्यक्ष शकीला राशिद  की । भाजपा  खिलाफ यह टिप्पणी कहीं ना कहीं । मुस्लिम महिलाओं के चरित्र को प्रदर्शित करते हैं । जो हर रोज धार्मिक कट्टरता के नाम पर, उसके विसंगति के कारण । मुल्लाओ और मौलवियों के शिकार होती हैं। उनका गुस्सा जायज है । पर वह अपने धर्म के विरुद्ध कुछ बोलने की हौसला ही नहीं जुटा पाती है । इसलिए देश की सबसे बड़ी, लोकप्रिय पार्टी को बदनाम कर रही है । ताकि यह संदेश मिल जाए । वह झूठ बोल सकती है, तो सच भी बोल सकती है । इसकी जांच हो उनको । मौलवियों और मुल्लाओं के अत्याचारों से, तीन तलाक की तरह मुक्ति मिले ।
  प्रशांत भूषण जी एक बड़े कद के वकील है ।  और मुस्लिम महिलाओं के बहुत बड़ा समर्थक भी । जब भी कोई पीड़ित मुस्लिम महिला इनके पास आती हैं । तो वकील साहब  उसे पत्नी का दर्जा दिते है । इस टिप्पणी को संप्रदायिकता से जुड़कर उन्होंने अपने भाव को स्पष्ट कर दिया -
   शहला राशिद की बातों में कुछ तो सच्चाई है । अगर इसकी जांच सीबीआई के द्वारा की गई तो सारा कांग्रेस परिवार वैश्य परिवार कहा जाएगा । नेहरू, नेहरू की पत्नी का संबंध फिरोज खान के साथ,  इंदिरा गांधी से संबंध फिरोज खान  साथ, सोनिया गांधी और राजीव गांधी का संबंध विवाह से पहले, राहुल गांधी का संबंध विदेशों में न जाने कितने लड़कियों से,सभी राज खुल जाएंगे । मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, शरीयत कानून, के द्वारा  मुस्लिम महिलाओं का यौन शोषण, अत्याचार ना जाने कितनी बातें स्पष्ट होगी । मैंने तो प्रशांत भूषण जी के । मात्र दो वाक्यों का विश्लेषण किया है । कुछ शब्दों का चयन असभ्य है । परंतु वर्तमान परिस्थिति ने इन शब्दों को जन्म दिया है । आप स्वयं इसका विश्लेषण और समीक्षा करें ।
                                                   जितेश सिंह 


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