सोमवार, 10 दिसंबर 2018

न्यू प्रेम मैं करता - जितेश सिंह


नया खेल हैं     
नई शाखा की
नया मेल है
दो नयनों के
प्यार अमर है
और अमर रहेगा...

यह तो नया खेल है
चिर-हरण का
चिर यहाँ कोई खींचता नहीं
यह चिर प्रदर्शन है
न्यू प्रेम का...

इतिहास का अमृत प्रेम
विषैला हो चला है
अब कोई प्रेम करता नहीं
मन में किसी के झांकता नहीं
बदन के सुंदरता पे
लो अब मैं नाम लिखता हूँ
क्यों की न्यू प्रेम मैं  करता हूँ ....





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