शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

युवा बने! जितेश हिन्दू

युवा अपने आप में बहुत ही आकर्षित शब्दांश है. हमें अक्सर नेताओं के भाषण, संबोधन और रैलियां में सुनने को मिलता है. लेकिन कभी हमने विचार किया, युवा कोन है? वर्तमान में सबसे चर्चित शब्द है 'देश के युवाओं' कौन देश का युवा है? एक विशाल जनसमूह का विचार जब क्रियान्वित होता है तो वही विचार को क्रिया में बदलने की यही प्रक्रिया युवा है. इसका तात्पर्य है कि 'देश का युवा' वही हो सकता है, जो देश के लिए सामर्थ्य और कौशल का परिचय दें. युवा माँ भारती की वाणी की को सुनने वाला देैविय पुरुष है. युवा देश की आवाज नहीं, देश का चारित्र है. अपने आंतरिक और बाह्य प्रत्येक स्थिति में देश के नवनिर्माण और संस्कृतिक उत्थान के लिए संघर्षवान पौरूष ही युवा है नहीं तो वो किशोर है. जिसे ऐतिहासिक और संस्कृतिक मार्गदर्शन की जरुरत हैं.
भारत के किशोरों को युवा बनना है, मातृ भू के निर्माण के लिए सतत मनन चिंतन करना और फिर राष्ट्रकल्याण के लिए उसे क्रियांवित करना है. इसके  लिए हमें शासन, प्रशासन और सरकार पर निर्भर न होकर स्वयं को प्रेरित कर देश के नवनिर्माण की ओर अग्रसर होना है.
विवेकानंद ने भी युवाओं के बारे में कहा "किसी राष्ट्र का भविष्य कैसा होगा,अगर यह जानना हो तो वहां के युवा उस राष्ट्र के बारे क्या विचार करते?"
                                      - जितेश हिन्दू  
                         

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