गुरुवार, 29 नवंबर 2018

हिंदुत्व: जितेश सिंह

हिन्दू संगठित रहे, एक साथ रहे, अपने निजी मंतव्य भावना को तिलांजलि देकर भारत माता की आराधना करने के लिए प्रतिबद्ध होहिन्दू समाज को एकमय करना, एकरूपी बनाना बड़ा ही कठिन कार्य हैं|
  1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगवार ने एक ऐसी संघ का निर्माण किया था| जो बीते लगभग 92वर्षों में हिन्दू समाज को जाति, भाषा, पंथ, समुदाय, क्षेत्रीयता, हजारों भिन्नताओं के बावजूद संगठित करने में सफलता पायी है| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी संघ है| जो अपने शाखा पद्धति के माध्यम से समाज में हर एक तबके को (बच्चे, युवा और बुजुर्ग) प्रशिक्षित करती, वे भिन्न-भिन्न माध्यमों में कार्यरत रहते हुए देश और समाज को जोड़ने, देश के अनुकूल कार्य करने के लिए कटिबद्ध है|  
हिन्दू कौन यह सिद्धांत को समझना होगा? वैसे तो भारत में उदय हुआ, किसी भी संप्रदाय के लोग हिन्दू ही है| उन्होंने ने केवल अपनी उपासना पद्धति बदली है| हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है| उनके आचरण, रहन - सहन में कुछ कुरीतियां आ गयी है, इसे छोड़ कर बाकि अनेकत्व में एकता की संभावना हैं उसके लिए प्रयासरत रहना पड़ेगा| भारतीय ज्यादा समय तक किसी कुप्रथा के शिकार नहीं हो सकते है, अंत: उन्हें हिन्दू होना ही पड़ेगा|
जितेश सिंह अ.बि.व.हि.वि.वि., भोपाल
तुम गलत हो, हमारा मार्ग सही है, इसके प्रयास को बार- बार दोहराना 
और घर वापसी ही सर्व कल्याण है,  हमें उन भटके वर्ग को समझाना होगा| वो हमारे विराट हिन्दू परिवार का अंग बने इससे पहले हमें सशक्त होना है|

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